इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Money Laundering Case): दिल्ली की केजरीवाल सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के लिए तिहाड़ जेल ऐशोआराम का अड्डा बन गई है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बंद यह मंत्री जेल में मालिश करवा रहे हैं और बाकायदा मालिश करवाते हुए उनका वीडियो वायरल हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल सीसीटीवी फुटेज से यह खुलासा हुआ है। वीडियो में अपनी बैरक में ही सत्येेंद्र मसाज करवाते दिख रहे हैं।

बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर साधा निशाना

सत्येंद्र जैन की जेल में मसाज करवाने की हरकत से आम आदमी पार्टी बीजेपी के निशाने पर आ गई है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि सत्येंद्र जैन को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। मसाज करवाने का सीसीटीवी फुटेज वायरल आज ही हुआ है। मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।

ईडी ने कोर्ट से की शिकायत, बढ़ी सत्मेंद्र जैन की मुश्किलें

एक अननोन शख्स जेल की सेल में सत्येंद्र जैन के शरीर व पैरों की मालिश करते हुए दिख रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामला सामने आने के बाद अदालत से शिकायत की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने जेल की सीसीटीवी फुटेज भी अदालत को सौंप दी है। इसके बाद सत्येंद्र जैन की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। बता दें कि सत्येंद्र जैन तिहाड़ की जेल संख्या 7 में बंद हैं।

30 मई को की गई थी सत्येंद्र की गिरफ्तारी, जेलकर्मी व अधिकारी सस्पेंड

मामले में कार्रवाई करते हुए जेल अधीक्षक सहित 4 जेल अधिकारियों व कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा 35 से अधिक जेल अधिकारी और कर्मचारियों का तबादला कर दिया गया है। गौरतलब है कि ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आप नेता व सत्येंद्र जैन को गत 30 मई को गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में केस दर्ज है।

16.39 करोड़ के काले धन को भी सफेद करने का आरोप

जैन पर कथित आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियां या तो लॉन्चं की या खरीदी थी। कोलकाता के 3 हवाला आॅपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के जरिये 16.39 करोड़ रुपए के काले धन को भी सफेद करने का उनपर आरोप था। इसी के साथ सत्येंद्र जैन के पास इंडो, प्रयास व अकिंचन नाम की कंपनियों में बड़ी संख्या में शेयर थे।

ईडी ने अप्रैल में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत सत्येंद्र जैन के परिवार व कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां कुर्क की थीं। इसमें इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, अकिंचन डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड व अन्य कंपनियों की संपत्तियां शामिल थीं।

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