इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Monsoon Session ) : 18 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है। यह सत्र हंगामेदार रहने के आसार है। सत्र हंगामेदार रहने का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रविवार को सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्ष की बातों में तमाम चीजों को लेकर असंतुष्ट नजर आया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट रूप से कहा कि मॉनसून सत्र के दौरान समय काफी कम है। वहीं चर्चा करने के लिए ढेर सारे मुद्दे हैं।
विपक्ष महंगाई, ईडी और सीबीआई पर उठाएगा सवाल
सर्वदलीय बैठक के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग को लेकर सवाल उठाया। उनका कहना था कि गत दिनों में कई नेताओं पर ईडी के छापे पड़े हैं। खड़गे के इस बयान से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष इस मुद्दे पर काफी ज्यादा मुखर रहने वाला है। वहीं खड़गे ने महंगाई के मुद्दे को भी उठाने की बात कही। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में महंगाई काफी ज्यादा बढ़ी है। सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार संसद के नियमों और प्रक्रियाओं के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
सर्वदलीय बैठक में कुल 13 उठाए गए मुद्दे
खड़गे ने कहा कि हमने सर्वदलीय बैठक में कुल 13 मुद्दे उठाए हैं। इसमें अग्निपथ स्कीम भी शामिल है। अग्निपथ स्कीम लांच होने के बाद से ही विपक्ष के निशाने पर है। इसको लेकर विभिन्न प्रदेशों में खूब प्रदर्शन भी हुए थे। वहीं कांग्रेस ने इसको लेकर धरना-प्रदर्शन भी किया था। जहां-जहां भी विपक्ष को मौका मिलता है वह अग्निपथ स्कीम को लेकर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ती।
ऐसे में मॉनसून सत्र के दौरान भी विपक्ष इस मुद्दे पर ध्यान खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक में पूछा कि संसद सत्र में 14 दिन में 32 विधेयक कैसे पारित होंगे जिन्हें सरकार ने कार्यसूची में रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार क्या करना चाह रही है?
चीन, विदेश नीति, जम्मू कश्मीर को लेकर सरकार पर निशाना
इसके अलावा विपक्ष ने चीन की घुसपैठ को लेकर भी सरकार पर निशाना साध रखा है। आॅल पार्टी मीट के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह चीन की घुसपैठ के अलावा विदेश नीति पर भी सरकार से सवाल पूछेंगे। इसके साथ ही यह भी कहा कि फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट में बदलाव, जम्मू कश्मीर और कश्मीरी पंडितों से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की मांग रखी गई है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद ट्वीट किया कि आज सर्वदलीय बैठक में अनेक राजनीतिक दलों ने एक ओर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के लिए श्रेय लेने और दूसरी ओर वन अधिकार अधिनियम, 2006 को समाप्त करने के मोदी सरकार के विरोधाभासी रुख की ओर इशारा किया। इसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का समर्थन करने वाले दल भी शामिल रहे। इससे पहले रमेश ने सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अनुपस्थिति पर आपत्ति जताई।
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