India News (इंडिया न्यूज़),Pollution Challan News: दिल्ली में प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र (PUC) की वैधता समाप्त होने पर चालान कटने का सिलसिला तेज हो गया है। परिवहन विभाग ने शहर के 25 पेट्रोल पंपों पर एआई तकनीक से लैस कैमरे लगाए हैं, जो वाहनों की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को पढ़कर उनके प्रदूषण प्रमाण पत्र की वैधता की जांच करते हैं। अब तक 22 हजार से अधिक वाहनों का चालान किया जा चुका है। चालान की राशि 10 हजार रुपये तय की गई है, और यदि वाहन मालिक दोबारा बिना वैध प्रमाण पत्र के पकड़ा जाता है, तो उसे छह माह तक की जेल भी हो सकती है।

कैसे होता है चालान?

कैमरे से जुड़े सॉफ्टवेयर के माध्यम से पेट्रोल पंप पर आने वाले वाहनों की नंबर प्लेट रीड की जाती है। यदि वाहन का प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र वैध नहीं होता, तो वाहन मालिक को पहले अलर्ट भेजा जाता है। इसके बाद तीन घंटे के भीतर प्रमाण पत्र की जांच कराने का समय दिया जाता है। अगर इस अवधि में जांच नहीं कराई गई, तो ई-चालान जनरेट हो जाता है, जिसे परिवहन विभाग की वेबसाइट www.parivahan.gov.in पर देखा जा सकता है।

प्रदूषण नियंत्रण के सख्त प्रावधान

दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यह कदम उठाया है। इसके अलावा, 30 मोबाइल टीमें भी शहरभर में पेट्रोल पंपों पर तैनात की गई हैं, जो वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र की वैधता की जांच करती हैं।

दूसरी बार पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई

पहली बार प्रदूषण प्रमाण पत्र न होने पर वाहन मालिक को 10 हजार रुपये का चालान भरना होता है, जबकि दूसरी बार पकड़े जाने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत छह महीने की सजा का भी प्रावधान है। दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह पहल एक अहम कदम है, और वाहन मालिकों को समय पर अपने प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र को वैध बनाए रखना अनिवार्य है।

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