India News (इंडिया न्यूज़),Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 500 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में कुछ रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत सोमवार को Delhi-NCR में लगभग 12 जगहों पर छापेमारी की। आपको बता दें कि सूत्रों के मुताबित , यह छापेमारी ऑरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, ग्रीनबे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और थ्री सी शेल्टर प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों और उनके प्रमोटरों विजय गुप्ता, अमित गुप्ता, सरदार निर्मल सिंह और कुछ अन्य निदेशकों के ठिकानों पर हुई।
परियोजनाओं में निवेश किया था
आपको बता दें कि केंद्रीय एजेंसी के गुरुग्राम जोनल कार्यालय द्वारा दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में करीब 12 परिसरों की तलाशी ली जा रही है। धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत की जा रही ED की जांच दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और गुरुग्राम पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR पर संज्ञान लेने के बाद शुरू की गई है। सूत्रों ने बताया कि ये शिकायतें कुछ घर खरीदारों की याचिकाओं पर दायर की गईं, जिन्होंने इन कंपनियों की परियोजनाओं में निवेश किया था।
आरोपों की जांच पड़ताल
जानकारी के लिए बता दें कि सूत्रों का कहना है कि ED इन कंपनियों के प्रमोटरों, शेयरधारकों और निदेशकों को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के रियल एस्टेट धोखाधड़ी, दुरुपयोग और गलत लाभ के लिए धन के दुरुपयोग के आरोपों की जांच पड़ताल कर रहा है। यह आरोप लगाया गया है कि कंपनियों ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक एकत्र किए, लेकिन वास्तविक परियोजनाओं पर केवल 500 करोड़ रुपये खर्च किए, जो मंजूरी के बिना लाइसेंस प्राप्त भूमि के 1 हिस्से की धोखाधड़ी बिक्री, आगे के निवेश के लिए धन के “डायवर्जन” के कारण रुक गए।
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