India News (इंडिया न्यूज),Education News: उच्च शिक्षा संस्थान बहुत जल्द ही अनौपचारिक शिक्षा को भी मान्यता देने के साथ क्रेडिट देने के लिए विचार कर रहे हैं। आपको बता दें कि उदाहरण के लिए परिवार से मिली वैध शिक्षा, उपचार शिक्षा या कलाकारों द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी से सीखी गई कला को उम्मीदवार के कौशल और अनुभवों के रूप में औपचारिक योग्यता और सर्टिफिकेट में बदला जा सकता है।
ड्राफ्ट पेश किया
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस ही के साथ इंटर्नशिप, ट्रेनिंग, सेल्फ लर्निंग इत्यादि भी इसका हिस्सा होंगे। ऐसा करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने ड्राफ्ट भी पेश किया है जिसका नाम (RPL) दिया गया है। इसके अंतर्गत उच्च शिक्षा में पूर्व शिक्षा की मान्यता (RPL) को ना सिर्फ अहमियत दी गई है बल्कि आधिकारिक तौर पर मान्यता भी दी जाएगी।
सुविधा को बढ़ाएगी
आपको बता दें कि इस ड्राफ्ट की गाइडलाइन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय कौशल योग्यता के साथ मिलती हैं जो उच्च शिक्षा में प्रवेश की सुविधा को बढ़ाएगी। वहीं पाठ्यक्रम की अवधि को कम करने में सहायता कर सकते हैं।
रोजगार पाने के लिए
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिर्फ इंडिया ही नहीं बल्कि कई देशों में इस तरह के प्रोग्राम पहले से चल रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया , न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका उन देशों में से एक हैं जहां पहले से हासिल कौशल को पढ़ाई के क्रेडिट में शामिल किया जाता है। इन कौशल से हासिल सर्टिफिकेट भी मिलता है जिसका उपयोग उम्मीदवार रोजगार पाने के लिए कर सकते हैं।