इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
पिछला डेढ़ वर्ष न केवल दिल्ली बल्कि पूरे विश्व के लिए संघर्ष भरा रहा है। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगाना पड़ा जिसके कारण आर्थिक गतिविधियां रुक गई। सरकार की आय लगभग शून्य पर पहुंच गई। इसके बाद भी सरकार ने जरुरतमंद लोगों को हर संभव सहायता मुहैया करवाई जिसके चलते आर्थिक बोझ बढ़ा। इस कारण हमारे राज्य की आर्थिक स्थिति पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा। यह कहना है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का वे बुधवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान सिसोदिया ने कहा कि अब जबकि जिंदगी दोबारा पटरी पर लौट रही है और आर्थिक गतिविधियां शुरू हो चुकी है तो हमारा फोकस भी आर्थिकता को सुधारना होगा। सिसोदिया ने कहा कि हमारा मानना है कि सरकार ने जो नई आबकारी नीति लागू की है प्रदेश की आर्थिकता पर उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोरोना के कारण 41 प्रतिशत कम राजस्व प्राप्त हुआ है। वहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 23 प्रतिशत कम राजस्व की प्राप्ति हुई है।
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12 माह में तीन हजार करोड़ राजस्व जुटाना लक्ष्य
Sisodia: ने कहा कि दिल्ली सरकार अपनी नई आबकारी नीति के तहत अगले 12 महीने में 3000 करोड़ अतिरिक्त राजस्व प्राप्त करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार राजधानी के 32 जोन में आवंटित शराब के ठेकों से 10000 करोड़ की कमाई की उम्मीद कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे पादर्शिता बढ़ेगी और सरकार को ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा।
प्राइवेट वाइन शॉप संचालकों ने किया था विरोध
इससे पहले सरकार की नई आबकारी नीति का राजधानी के प्राइवेट वाइन शॉप संचालकों ने विरोध जताया था। उन्होंने सरकार को नीति पर दोबारा विचार करने के लिए अपील की थी। उन्होंने यह चेतावनी भी दी थी कि सरकार के फैसले के खिलाफ वे कोर्ट का रुख करेंगे।