Sneha Dubey
इंडिया न्यूज, न्यूयार्क:
भारत ने एक बार फिर से मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में दोहराया कि सतत विकास सामूहिक प्रयासों से ही हासिल होगा और नई दिल्ली इस दिशा में काम करना जारी रखेगी। संयुक्त राष्ट्र की प्रथम सचिव Sneha Dubey ने कहा कि जलवायु कार्रवाई के लिए विकसित देशों द्वारा 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान करने की प्रतिबद्धता हासिल करने के लिए अभी भी एक बड़ा अंतर मौजूद है। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन जैसी हमारी पहल वैश्विक जलवायु साझेदारी में भारत के योगदान के उदाहरण हैं। स्नेहा ने कहा कि हमारा मानना है कि हमारा मानव-केंद्रित दृष्टिकोण वैश्विक भलाई के लिए सर्वाधिक उपयोगी होगा। यह आवश्यक है कि बयानों के साथ ठोस कार्रवाई भी हो। जी20 में भारत अकेला देश है, जो पेरिस के लक्ष्यों को पूरा करने की ओर अग्रसर है।
पिछले एक दशक में भारत में बढ़ी वन क्षेत्रों की संख्या
प्रथम सचिव ने कहा कि पिछले एक दशक की बात की जाएं तो भारत वन क्षेत्रों में बढ़त हासिल करने वाले शीर्ष तीन देशों में शामिल हो गया है। इसी अवधि में लगभग तीन मिलियन हेक्टेयर वन क्षेत्र को जोड़ा गया है। पिछले 5 से 7 वर्षों में भारत में शेरों, बाघों, तेंदुओं और गंगा नदी में डॉल्फिन की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
Connect With Us : Twitter Facebook