इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
पाकिस्तान के साथ लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ किलोमीटर दूर हाइवे पर सुपर हरक्युलिस, जगुआर और सुखोई लड़ाकू विमानों ने लैंडिंग की। इसे वायुसेना ने इमरजेंसी लैंडिग के लिए तैयार किया है। यह भारत-पाक सीमा से 40 किमी दूरी पर है। इसे बाड़मेर-जालोर बॉर्डर के अड़गावा में तैयार किया गया है। आज केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राजस्थान के बाड़मेर में नेशनल हाइवे पर बने इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का उद्घाटन किया। दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने एनएच 925 ए पर 3 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी का उद्घाटन किया। इसके बाद वायुसेना के लड़ाकू विमान सीधे हाइवे पर उतरते दिखे। पहले हरक्यूलिस, सुखोई और जगुआर ने आसमान में अपना दम दिखाया और फिर हाइवे पर लैंडिंग की।
सुपर हरक्यूलिस परिवहन विमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया को लेकर रजालोर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर आपातकालीन फील्ड लैंड हुआ। विमान के लैंड होते ही लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।

पहली बार भारतीय सेना के के लिए नैशनल हाइवे का इस्तेमाल

यह देश में यह पहली बार हुआ है जब किसी नेशनल हाइवे का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए किया जा रहा है। बुधवार को वायुसेना ने इस हवाई पट्टी पर अपनी पहली रिहर्सल की। सबसे पहले हरक्यूलिस प्लेन को लैंड कराया गया। इसके बाद सुखोई, मिग और अगस्ता हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई। इस दौरान एसयू-30 एमकेआई, सुपर हरक्यूलिस एंड जगुआर फाइटर विमानों का फ्लाईपास्ट हुआ। इस दौरान तीन फाइटर विमान उतारे।

2 साल को प्रोजेक्ट 19 महीने में किया पूरा

इस भारतमाला प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए 24 महीने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन  इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का निर्माण 19 महीनों के भीतर ही कर लिया गया। जुलाई 2019 में इसकी शुरूआत की गई थी और इसी साल जनवरी में पूरा कर लिया गया। यह हवाई पट्टी 32.95 करोड़ रुपये की लागत से बनी है जोकि तीन किलोमीटर लंबी और 33 मीटर चौड़ी है। रक्षा और परिवहन मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के 12 हाईवे तैयार किए जा रहे हैं।