India News (इंडिया न्यूज),Swine Flu: देश में स्वाइन फ्लू (एच1एन1 वायरस) एक बार फिर तेजी से पांव पसारने लगा है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में स्वाइन फ्लू के हालात गंभीर बने हुए हैं। संक्रमण के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
NCDC की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के आठ राज्यों—दिल्ली, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, गुजरात और पुडुचेरी में स्वाइन फ्लू के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। इन राज्यों में निगरानी बढ़ाने की अपील की गई है ताकि संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके।
Swine Flu_ सावधान! देश में फिर तेजी बढ़ने लगे स्वाइन फ्लू के मामले (1)
NCDC ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में बताया कि साल 2024 में अब तक 20,414 लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से 347 लोगों की मौत हो चुकी है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जनवरी 2024 में 16 राज्यों में 516 मामले दर्ज किए गए थे और 6 लोगों की मौत हुई थी। इनमें से सबसे ज्यादा 4 मौतें केरल में, जबकि कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई थी।
किस राज्य में स्वाइन फ्लू के कितने केस?
स्वाइन फ्लू के संक्रमण के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2019 में सबसे ज्यादा 28,798 मामले सामने आए थे। उस दौरान 1,218 लोगों की मौत हुई थी। इससे साफ है कि स्वाइन फ्लू का संक्रमण पहले भी गंभीर रहा है और अब एक बार फिर इसका खतरा बढ़ता नजर आ रहा है।
स्वाइन फ्लू के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने तत्काल प्रतिक्रिया के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स में स्वास्थ्य मंत्रालय, एनसीडीसी, आईसीएमआर, दिल्ली एम्स, पीजीआई चंडीगढ़, निम्हांस बेंगलुरु और विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग सहित विभिन्न मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। टास्क फोर्स का उद्देश्य संक्रमण की निगरानी, उपचार और नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाना है।
केंद्र सरकार ने राज्यों को संक्रमण की रोकथाम के लिए सतर्कता बरतने, निगरानी बढ़ाने और आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही लोगों से भी अपील की गई है कि वे सतर्क रहें, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें, साफ-सफाई का ध्यान रखें और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को सजग रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों का मानना है कि शुरुआती लक्षणों की पहचान और समय पर इलाज से इस संक्रमण से बचाव संभव है।
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