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Terror Mastermind Ashraf Case : मौलवी बन घरों में घुसता था अशरफ

Terror Mastermind Ashraf Case used to enter houses as a cleric,

इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :

Terror Mastermind Ashraf Case : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की गिरफ्त में मौजूद पाकिस्तान आतंकी मो. अशरफ उर्फ अली अहमद नूरी से पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां सामने आ रही हैं। जांच में आतंकी ने पुलिस को बताया कि आंतकी वारदात को अंजाम देने के लिए उसे हर माह पाकिस्तान से फंड मिलता था। इसके साथ ही पश्चिमी यूपी के कुछ युवक भी उसकी मदद करते थे। इसके लिए पाकिस्तानी आतंकी ने अजमेर में मिले मौलवी के जान-पहचान का फायदा उठाया था। स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया कि इस सर्टिफिकेट के आधार पर इसने दिल्ली में शास्त्री पार्क के एक पते पर मकान मालिक का बिजली का बिल लेकर अपना पहचान पत्र व वोटरकार्ड बनवाया था। वर्ष 2013 में इसने पासपोर्ट बनवा लिया था। इस पासपोर्ट से इनसे चार से पांच विदेश यात्राएं की हैं। इससे पहले आरोपी ने वर्ष 2010 में तुर्कमागन गेट में हैंडीक्राफ्ट का काम शुरू किया।

इस तरह बनवाया था रेजिडेंस सर्टिफिकेट (Terror Mastermind Ashraf Case)

आतंकी को बिहार निवासी होने का सर्टिफिकेट कटिहार, बिहार के एक प्रधान ने दिया था। इसने मौलवी को बताया था कि कटिहार के एक गांव में उसका ननिहाल है और इसके पास वोटर कार्ड बनवाने के लिए एक भी कागजात नहीं है। इस आधार पर प्रधान ने वर्ष 2012-13 में अपने लैटरहैड पर लिखकर दे दिया था कि मो. अशरफ बिहार का रहने वाला है। इसके लिए पाकिस्तानी आतंकी ने अजमेर में मिले मौलवी के जान-पहचान का फायदा उठाया था। स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया कि इस सर्टिफिकेट के आधार पर इसने दिल्ली में शास्त्री पार्क के एक पते पर मकान मालिक का बिजली का बिल लेकर अपना पहचान पत्र व वोटरकार्ड बनवाया था।

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2013 में बनवाया था पासपोर्ट (Terror Mastermind Ashraf Case)

वर्ष 2013 में इसने पासपोर्ट बनवा लिया था। इस पासपोर्ट से इनसे चार से पांच विदेश यात्राएं की हैं। इससे पहले आरोपी ने वर्ष 2010 में तुर्कमागन गेट में हैंडीक्राफ्ट का काम शुरू किया। वर्ष 2012 में तुर्कमान गेट में ही आर्टिफिशियल ज्वेलरी की दुकान खोली थी। आरोपी आतंकी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसने वर्ष 2014 में नरेला में जादू-टोना सीखा था। ये नरेला में काफी समय तक रहा था। इसके बाद वह मौलवी के वेश में रहने लगा था। ये मौलवी के वेश में लोगों के घरों में घुसता। यारी-दोस्ती कर उस घर के युवाओं को जेहादी बनाने में जुट जाता था।

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवक कर रहे थे मदद (Terror Mastermind Ashraf Case)

स्पेशल सेल की जांच में ये बात सामने आई है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पांच से ज्यादा युवा व व्यक्ति इसकी मदद करते थे। खास बात यह है कि इन लोगों को बखूबी पता था कि अशरफ पाकिस्तान से आया है और उसका इरादा आतंकी वारदात का है। वे अशरफ को धर्म को बढ़ावा देने के नाम पर पैसा भी देते थे। दिल्ली पुलिस को अशरफ के एक बैंक खाते का पता लगा है। पुलिस फिलहाल इसकी डिटेल खंगाल रही है।

(Terror Mastermind Ashraf Case)

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India News Editor

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