त्रिलोचन सिंह वजीर हत्याकांड में हुआ अहम खुलासा
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
तीन सितंबर को नई दिल्ली में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह वजीर हत्याकांड में अहम खुलासा करते हुए हरमीत सिंह ने यह बात स्वीकार कर ली है कि उसने त्रिलोचन सिंह की गोली मारकर हत्या की थी। इसके अतिरिक्त भी उसने पुलिस के सामने अहम खुलासे किए हैं।
प्रॉपर्टी डीलर है हरमीत सिंह
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जम्मू निवासी हरमीत सिंह फिलहाल प्रॉपर्टी डीलर का काम कर रहा था। हरमीत सिंह ने पुलिस को बताया कि उसके नेकां नेता से काफी मतभेद थे उसी का फायदा उठाते हुए हरप्रीत ने उसे इस जुर्म के लिए तैयार किया था। स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन साल पहले हरमीत सिंह और त्रिलोचन सिंह के बीच विवाद हुआ था। हरमीत सिंह उसी बात का गुस्सा अपने मन में दबाकर बैठा था। हरप्रीत को इस बात की जानकारी थी। इसी के चलते उसने हरमीत सिंह का फायदा उठाया और उससे त्रिलोचन सिंह की हत्या करवा दी। पुलिस को दी जानकारी में हरमीत सिंह ने बताया कि तीन सितंबर की शाम को, हरप्रीत होटल में उसके कमरे में आया, उसे बार-बार इस बात के लिए उकसाया कि त्रिलोचन सिंह उसके व उसके परिवार के खिलाफ साजिश रच रहा है और उसके परिवार को मरवा देगा।
त्रिलोचन जब सो रहा था तब चलाई गोली, हरप्रीत ने दी पिस्तौल( Trilochan singh Murder Case)
हरमीत ने पुलिस के सामने यह मान लिया कि हरप्रीत उसे उकसाता रहा और बाद में अपने फ्लैट में ले गया। यहां पर हरमीत ने टीएस वजीर को सोते हुए गोली मार दी। उसे पिस्टल हरप्रीत ने दी। गोली मारने के बाद वह फ्लैट से चला गया।
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पुलिस अधिकारियों के अनुसार हरमीत ने बताया कि नौ सितंबर को वह और हरप्रीत गुरुद्वारा पहुंचे। यहां पर हरप्रीत ने उसे सुसाइड नोट लिखने के लिए मजबूर किया। उसने सुसाइड नोट पर हस्ताक्षर किए और अंगूठा भी लगवाया। दस सितंबर को वह जम्मू बस स्टैंड पहुंचे। उस वक्त हरप्रीत ने फेसबुक पर सुसाइड नोट पोस्ट कर दिया था।