The Shortage Of Doctors In The Country Is Worrying : Vice President
लोगों से कोविड प्रोटोकाल का पालन करने की अपील की
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
कोरोना काल में विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए देश में जो सबसे ज्यादा कमी महसूस की गई। वह थी चिकित्सीय सुविधाओं की। बहुत सारे ऐसे लोग देखे गए जो उपचार के लिए भटक रहे थे। या फिर उन्हें सही उपचार समय पर नहीं मिल पाया। यह बातें देश के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहीं वे रविवार को एक दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान उपराष्टपति ने देश में डॉक्टरों की कमी पर चिंता जाहिर की।
मानव संसाधनों की कमी युद्ध स्तर पर दूर हो
Vice president ने स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव संसाधनों की कमी को युद्ध स्तर पर दूर करने की अपील की है। देश में प्रत्येक डॉक्टर पर एक हजार से अधिक मरीजों की जिम्मेदारी को देखते हुए उन्होंने देश के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनाने पर जोर दिया है।
चिकित्सा सलाह सुलभ और सस्ता होना चाहिए
Vice president ने कहा कि चिकित्सा सलाह या परामर्श आम लोगों के लिए सुलभ और सस्ता होना चाहिए। भारतीय नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ ने अपने कौशल, समर्पण और देखभाल करने वाले स्वभाव के साथ पिछले कई वर्षों में विश्व स्तर पर बड़ी प्रतिष्ठा और मांग अर्जित की है। उन्होंने लोगों से अत्यधिक गंभीरता के साथ कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की भी अपील की। साथ ही कहा कि हम आत्म संतुष्ट होकर तीसरी लहर को आमंत्रित नहीं कर सकते हैं।