इंडिया न्यूज, दिल्ली:
Water of Kameng river turns black in Arunachal Pradesh अरुणाचल प्रदेश की कामेंग नदी में अचानक हजारों मछलियों की मौत हो गई। इस बात की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन अलर्ट हो गया। नदी का पानी अचानक काला हो हो गया था। आनन फानन में नदी के पानी की जांच की गई। जांच के बाद जिला मत्स्य पालन अधिकारी ने बताया कि कुल घुलित पदार्थों (टीडीएस) की उच्च सामग्री के कारण नदी का पानी काला हो गया है।

जिला मत्स्य विकास अधिकारी (डीएफडीओ) हाली ताजो ने कहा कि जिला मुख्यालय सेप्पा में शुक्रवार को नदी में हजारों मछलियां मृत पाई गईं। प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, मौतों का कारण टीडीएस का बड़ी मात्रा में होना है, जो पानी में जलीय प्रजातियों के लिए कम दृश्यता और सांस लेने में समस्या पैदा करता है।

Water of Kameng river turns black in Arunachal Pradesh ग्रामीणों ने चीन को ठहराया दोषी

हाली ताजो ने कहा कि कामेंग नदी में टीडीएस 6,800 मिलीग्राम प्रति लीटर था, जो सामान्य सीमा 300-1,200 मिलीग्राम प्रति लीटर से काफी अधिक है। इस बीच, सेप्पा गांव, जहां यह घटना हुई थी, के निवासियों ने चीन को दोषी ठहराया है, यह दावा करते हुए कि पड़ोसी देश द्वारा सीमा पार की जा रही निर्माण गतिविधियों के कारण टीडीएस का स्तर खतरनाक रूप से ऊंचा हो गया है।

Water of Kameng river turns black in Arunachal Pradesh कैसे मरी मझलियां, विशेषज्ञ लगा रहे पता

सेप्पा पूर्व के विधायक टपुक ताकू ने राज्य सरकार से कामेंग नदी के पानी के रंग में अचानक बदलाव और बड़ी मात्रा में मछलियों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए तुरंत विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने की अपील की। ताकू ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी घटना कामेंग नदी में कभी नहीं हुई।

उन्होंने कहा, ‘अगर यह कुछ दिनों से अधिक समय तक जारी रहा, तो नदी से जलीय जीवन पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। वे बोले, ‘पानी के रंग में अचानक बदलाव का कारण जिला के ऊपरी बेल्ट में भारी भूस्खलन हो सकता है।’

उन्होंने कहा कि अन्य कारण भी हो सकते हैं। राज्य सरकार को स्थिति का जल्द से जल्द अध्ययन करने के लिए तुरंत एक समिति का गठन करना चाहिए। बता दें कि पूर्वी सियांग जिले के पासीघाट में सियांग नदी नवंबर 2017 में काली हो गई थी।

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