कहा, जल्द केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलेंगे
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
हर साल रास्टीय राजधानी के निवासियों का सर्दियां शुरू होते ही प्रदूषण से बुरा हाल हो जाता है। जिसका बहुत बड़ा कारण पड़ौसी प्रदेशों में धान के अवशेषों (पराली) का जलाया जाना है। अब हमने इसका निवारण निकाल लिया है। यह कहना है दिल्ली के मुख्यमंत्री का जिन्होंने सोमवार को यह जानकारी पत्रकारों को दी। इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली ने पराली का हल तलाश लिया है। इसका हल बायोडिकम्पोजर है। दिल्ली सरकार ने बायोडिकम्पोजर को प्रभावी ढंग से लागू किया है। दिल्ली के 39 गांवों में इसे लागू किया है। इससे किसान भी खुश हैं। इसके प्रयोग से जहां खेतों में मौजूद धान के अवशेष समाप्त हो जाते हैं वहीं इससे खेत की उपजाऊ क्षमता को हानि नहीं होती। सीएम ने कहा कि इसके प्रयोग के बाद मिट्टी की जांच करने के लिए आई केंद्रीय एजेंसी ने भी इसे ठीक पाया है। इस एजेंसी ने गांव के जाकर किसानों से बात की थी। किसानों ने भी इस प्रयोग पर संतुष्टि जताई थी। इसके प्रयोग से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। लगभग आधे किसानों ने माना है कि इसके उपयोग से पैदावार बढ़ी है।
पड़ोसी राज्यों से की बायोडिकम्पोजर प्रयोग करने की अपील
इस अवसर पर सीएम ने कहा कि हम पड़ोसी राज्यों के किसानों से अपील करते हैं कि वे भी इसे लागू करें। केंद्र सरकार भी इस बारे कदम उठाए। केजरीवाल ने कहा कि वे रिपोर्ट लेकर हम जल्द ही केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता 10 अक्टूबर के आसपास फिर से खराब हो जाएगी और नवंबर अंत तक इसी तरह जारी रहेगी, मुख्य रूप से पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने के कारण ऐसा होगा। पिछले साल, दिल्ली सरकार ने यह प्रभावी समाधान निकाला है।