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Suicide in Noida: अंग्रेजी का पेपर हुआ खराब तो 22वीं मंजिल से कूदकर दी जान, जानें पूरा मामला

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : February 23, 2024, 8:58 am IST

India News (इंडिया न्यूज), Suicide in Noida: हर इंसान एक दूसरे से अलग होता है सिर्फ चेहरे से ही नहीं बल्कि मानसिक तुलना में भी एक दूसरे से अलग रहते हैं वहीं छात्रों की बात करें तो कोई पढ़ाई ज्यादा बेहतर होता है तो कोई कम लेकिन इसका मतलब ये कि उसका जीने का कोई अधिकार नहीं ऐसा ही एक मामला नोएडा से सामने आया है जहां परीक्षा के तनाव के कारण ग्रेनो वेस्ट की महागुन मेवुड सोसायटी में रहने वाले 12वीं कक्षा के छात्र अद्वित मिश्रा (19) ने गुरुवार शाम 22वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। अंग्रेजी का पेपर खराब होने के कारण वह तनाव में चल रहा था। पिछले साल भी वह 12वीं में फेल हो गया था। अदवित अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। अदवित सेंट्रल बोर्ड ऑफ सीनियर सेकेंडरी (सीबीएसई) बोर्ड का छात्र था। उनके पिता आईटी सेक्टर में काम करते हैं।

मामले को लेकर परिजनों ने पुलिस को बताया कि अदवित गुरुवार को अंग्रेजी का पेपर देकर आया था। उन्होंने कहा कि यह पेपर खराब हो गया था। जिसके बाद से वह कुछ असहज महसूस कर रहे थे, हालांकि उन्हें समझाया गया और बाद में वह सोसायटी की छत पर बैठ गए। करीब 20 मिनट बाद वह अचानक नीचे कूद गया।

पेपर की वजह से छात्र ने दी जान 

परिजनों ने पुलिस को बताया कि उसे समझाया गया था कि ठीक है, जो होगा देखा जायेगा, लेकिन तभी से वह बेचैन था और छत पर चला गया। अगर उसे इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा होता तो वह उसे अकेला नहीं छोड़ता। वहीं, अद्वित की बड़ी बहन रोते हुए पूछ रही थी कि वह किसे राखी बांधेगी। घटना के बाद से पूरा परिवार बदहवास है। मामले की जांच में पता चला कि छात्र का अंग्रेजी का पेपर अच्छा नहीं गया था। वह दूसरी बार 12वीं की परीक्षा दे रहा था। पेपर खराब होने से काफी तनाव में था।

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छात्रों को परीक्षा को लेकर क्या करना चहिए और क्या नहीं-

  • पूरे वर्ष परीक्षा की तैयारी करें और पाठ्यक्रम को महीनों में विभाजित करें।
  • अगर आप शेड्यूल के मुताबिक पढ़ाई करेंगे तो अंत में आपको तनाव नहीं होगा और आपके अंक भी अच्छे आएंगे।
  • अभिभावक की जिम्मेदारी है कि वह भी न केवल परीक्षा के दौरान बल्कि शुरुआत से ही नजर रखें।
  • हर बच्चे में अलग-अलग क्षमताएं होती हैं और उन पर 90 फीसदी अंक लाने का दबाव बिलकुल न डालें।
  • अगर आपको कम अंक मिले तो उसे भी स्वीकार करें। पढ़ाई के अलावा भी जिंदगी है।
  • हर साल परीक्षा के समय ऐसी घटनाएं होती हैं, इसलिए अभिभावकों को सावधान रहना चाहिए।

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