India News (इंडिया न्यूज),Delhi-1857 की क्रांति के समय अंग्रेजों के वफादार भवानी शंकर खत्री की हवेली का नाम ‘नमक हराम की हवेली’ पड़ गया। जो उस गली से गुजरता वह ‘नमक हराम’ चिल्लाते हुए निकलता है।
यह कहानी पुरानी दिल्ली के कूचा घसीराम गली की है। जिसकी दगाबाजी का एक निशान आज भी यहां मौजूद है। इस गली में मौजूद ”नमक हराम की हवेली” के सामने से जो भी गुजरता है, उसके मुंह से एक ही शब्द निकलता है। ‘गद्दार’
नमक हराम की हवेली के वर्तमान निवासी अशोक अग्रवाल हैं। जो कि लाला भवानी मल खत्री 19वीं सदी के एक व्यापारी थे। जो अक्सर गुप्त सूचनाएं मुगलों से अंग्रेजों तक और अंग्रेजों से मुगलों तक पहुंचाते थे। इस धोखे से उन्हें ‘नमक हराम’ (गद्दार) की उपाधि दी गई । इससे स्थानीय लोगों ने उनका तिरस्कार किया और उन्हें वह सम्मान देने से इनकार कर दिया।
भवानी शंकर खत्री ने मराठा यशवंत राय होलकर से गद्दारी कर अंग्रेजो से हाथ मिला लिया। लेकिन यशवंत राय होलकर ने ईस्ट इंडिया कंपनी की गुलामी स्वीकार नहीं की। बल्कि अंग्रेजों से लड़ने का फैसला किया। जिसपर तमाम रियासतों ने अंग्रेजों के आगे सिर झुका लिया। इस प्रकार अंग्रेजों और मराठा सैनिकों के बीच तीन दिन तक ये लड़ाई चलती रही। जिसमे मराठों की तरफ से मुगल भी लड़ रहे थे। फिर भी इस लड़ाई में मराठा फौज को हार की सामना करनी पड़ी।
भवानी शंकर की गद्दारी के चलते यशवंत राय होलकर को पीछे हटना पड़ा। खत्री की वफादारी से खुश होकर अंग्रेजों ने उसे चांदनी चौक में एक शानदार हवेली तोहफे में दे दी और वह अपने परिवार के साथ यहां रहने लगा। तब से यह हवेली को ‘नमक हराम की हवेली’ कहा जाने लगा।
यह भी पढ़ेंः-
Contents:Как определить разворот тренда на ФорексТест стратегии форекс «Лимитка»: +95,14% по GBP/USD за 12 месПример…
Navratri 2022 9th Day Maa Siddhidatri Puja Vidhi Vrat Katha Mantra Aarti in Hindi: नवरात्र…
Contents:Selling your item to BuyBackWorld is as easy as…GoPro swings to a surprise profit but…
Contents:India DictionaryProject Finance & Structuring SBUTop Reasons to Start Investing at an Early AgeManaging money…
Sonia Gandhi Meet Opposition parties : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी शुक्रवार को वीडियो…
Bollywood Actress Troll : 2018 में फिल्म लवयात्री से बॉलीवुड में एंट्री करने वाली एक्ट्रेस…