2nd Navratri Maa Brahmacharini Ki Katha: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। माता के इस अवतार का अर्थ तप का आचरण करने वाली देवी होता है। इनके हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमण्डल है। शास्त्रों के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने उनके पूर्वजन्म में हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था और भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी। यही कारण है कि इनका नाम ब्रह्मचारिणी कहा गया है। मान्यता है कि जो इनकी पूजा करते हैं वो हमेशा उज्जवलता और ऐश्वर्य का सुख भोगते हैं।
माता ब्रह्मचारिणी ने हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया। वह सुंदरता की धनी तथा ज्ञान से परिपूर्ण थीं। एक दिन नारदजी ने उन्हें उपदेश दिया जिससे प्रभावित होकर उन्होंने यह प्रण किया कि वह अपना विवाह शिवजी के साथ ही करेंगी। भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए देवी ब्रह्मचारिणी ने घोर तपस्या तथा तप करना प्रारंभ कर दिया। कई वर्षों तक उन्होंने तपस्या की जिस कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी तथा तपश्चरणी के नाम से जाना जाने लगा।
देवी ब्रह्मचारिणी ने तीन हज़ार वर्षों तक मात्र बिल्व पत्रों का सेवन करके वन में तपस्या की। अत्यंत कष्टों को सहन करते हुए भी उन्होंने शिवजी को पति के रूप में पाने की तपस्या नहीं छोड़ी। इसके पश्चात् उन्होंने बिल्व पत्रों का सेवन भी त्याग दिया तथा कई हज़ार वर्षों तक निर्जल तथा निराहार रहकर तपस्या की। इस प्रकार उनका नाम अपर्णा रखा गया। अधिक वर्षों तक कठिन तपस्या, तप करने के कारण उनका शरीर कमज़ोर हो गया।
विभिन्न देवी देवताओं, ऋषि, मुनियों तथा सिद्धगणों ने उनकी तपस्या की सराहना करते हुए देवी ब्रह्मचारिणी को प्रोत्साहन दिया। सभी ने कहा कि आपकी तपस्या अवश्य पूर्ण होगी। उनकी गहन तपस्या को देखते हुए अंत में ब्रह्मा जी ने आकाशवाणी के माध्यम से प्रसन्नचित स्वर में कहा, “देवी! आज तक किसी भी कन्या ने इस प्रकार की घोर तपस्या नहीं की। तुम्हारे इस स्वरूप की तीनों लोक सराहना कर रहे हैं। तुम्हारी मनोकामना पूर्ण होगी। भगवान शिव तुम्हें अवश्य शिव के रूप में प्राप्त होंगे। अंततः तुम अपनी तपस्या को यही समाप्त करते हुए, घर वापस लौट जाओ।
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता। जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए। कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने। जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर। जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना। मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम। पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी। रखना लाज मेरी महतारी।
Read Also: Happy Navratri 2022 Messages in Hindi
Read Also: Happy Baisakhi 2022 Messages
India News (इंडिया न्यूज) Delhi News: उत्तर भारत रेलवे ने वाटर लेस यूरिनल तकनीक का…
India News (इंडिया न्यूज़),UP Liquor Policy: UP सरकार ने शराब की बिक्री में डिजिटल पेमेंट…
कपूर खानदान की इस बहू ने नशे की हालत में किया ‘वन नाइट स्टैंड’, फिर…
जब ट्रैफिक पुलिस ने इन्हें रोका तो लोगों की गिनती कर पुलिस का बुरा हाल…
India News (इंडिया न्यूज) Dehradun Accident: देहरादून में ओएनजीसी चौक पर 6 की गई जान…
India News (इंडिया न्यूज़),SDM Assault Case: राजस्थान पुलिस ने एसडीएम को थपप्ड मारने के मामले…