डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
India News (इंडिया न्यूज), Hindu Devi: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं का पूजन विशेष महत्व रखता है। सनातन परंपरा में ये देवी-देवता न केवल आस्था और विश्वास का प्रतीक हैं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं। लेकिन इस विशाल परंपरा के अंतर्गत कुछ ऐसी देवियां भी हैं, जो आज के समय में गुमनाम हो चुकी हैं। इनके बारे में जानकारी प्राप्त करना और इन्हें पुनः सम्मान देना हमारी धार्मिक विरासत को समृद्ध बनाता है। आइए, ऐसी 6 गुमनाम देवियों के बारे में विस्तार से जानें।
कण्कि देवी का उल्लेख प्राचीन हिंदू ग्रंथों में बार-बार किया गया है। इन्हें ज्ञान, शक्ति और रक्षा की देवी माना जाता है। दक्षिण भारत में कण्कि देवी की पूजा गहरी श्रद्धा के साथ की जाती है। यह माना जाता है कि इनकी उपासना से व्यक्ति को मानसिक शांति, ज्ञान की प्राप्ति और कठिन परिस्थितियों में सुरक्षा मिलती है।
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खिमज देवी को कृषि और जलवायु की देवी कहा जाता है। राजस्थान में इनके प्रति गहरी श्रद्धा है। यह माना जाता है कि खिमज देवी की कृपा से खेती में समृद्धि आती है और मौसम अनुकूल रहता है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग विशेष रूप से इनके प्रति आस्था रखते हैं और उनकी पूजा द्वारा अच्छी फसल और वर्षा की कामना करते हैं।
कमलात्मिका देवी को धन और सौंदर्य की देवी के रूप में जाना जाता है। यह देवी तांत्रिक परंपरा के अंतर्गत भी पूजी जाती हैं। यह मान्यता है कि इनकी पूजा से व्यक्ति को भौतिक समृद्धि, आकर्षण और आध्यात्मिक प्रगति प्राप्त होती है। उनके भक्त विशेष रूप से लक्ष्मी पूजा के साथ उनकी आराधना करते हैं।
खोडियार देवी को जल की देवी माना जाता है। गुजरात और राजस्थान में इनकी पूजा का विशेष प्रचलन है। यह कहा जाता है कि खोडियार देवी की कृपा से जल स्रोतों में वृद्धि होती है और जल संबंधी समस्याओं का समाधान होता है। उनकी कथा और चमत्कारों से जुड़े कई प्रसंग इन क्षेत्रों में प्रसिद्ध हैं।
कात्यायनी देवी मां दुर्गा के छठे स्वरूप के रूप में पूजनीय हैं। नवरात्रि के समय विशेष रूप से इनकी आराधना की जाती है। यह देवी शक्ति, वीरता और विजय का प्रतीक मानी जाती हैं। कात्यायनी देवी की पूजा से भक्तों को स्वास्थ्य, धन और समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
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कूष्मांडा देवी मां दुर्गा के चौथे स्वरूप के रूप में पूजनीय हैं। इन्हें सृष्टि की रचना करने वाली देवी माना जाता है। यह विश्वास है कि इनके स्मरण मात्र से जीवन में ऊर्जा, समृद्धि और सकारात्मकता आती है। नवरात्रि के चौथे दिन इनकी पूजा करने का विशेष महत्व है।
इन गुमनाम देवियों का पूजन न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करता है, बल्कि यह हमें हमारे समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत से जोड़ता है। यह आवश्यक है कि हम इन देवियों की पूजा-अर्चना को पुनः जीवित करें और उनकी महिमा को जन-जन तक पहुँचाएं। सनातन परंपरा की ये देवियां हमारे जीवन को शांति, समृद्धि और शक्ति प्रदान करने में सक्षम हैं।
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डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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