मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद् :
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है, तो उसका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022 को धनिष्ठा नक्षत्र और कुंभ राशि में 07:52 बजे शनिदेव का प्रवेश हो रहा है। शनिदेव अपनी राशि बदलने के पहले से ही अपना असर समस्त राशियों पर दिखाना शुरु कर देते हैं यहां तक कि वे किसी राशि से निकलने के बाद भी पुरानी राशि में कुुछ समय तक अपना प्रभाव दिखाते रहते हैं।
जहां 29 अप्रैल से 4 जून तक कुम्भ राशि मे मार्गी गति से गोचर करते हुए अपना प्रभाव स्थापित करेंगे तथा 4 जून से 12 जुलाई तक वक्री गति से गोचर करते हुए कुम्भ राशि मे गोचर करेंगे। पुनः 13 जुलाई से मकर राशि मे वक्री प्रवेश करेंगे। इस प्रकार कुम्भ राशि मे शनि देव 76 दिनों तक के लिए कुम्भ राशि में गोचर करने जा रहे है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में शनि ग्रह का विशेष महत्व होता है। शनि ग्रह सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि किसी एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब ढाई वर्षों का समय लगाते हैं। इस तरह से शनि किसी एक राशि में गोचर करने के बाद करीब 30 वर्षों के बाद ही दोबारा आते हैं।
29 अप्रैल 2022 को शनिदेव मकर राशि से अपनी यात्रा को समाप्त करते हुए कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनिदेव करीब 30 वर्षों के बाद पुन:कुंभ राशि में आ रहे हैं। शनि के राशि परिवर्तन से कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाएगी। वहीं दूसरी तरफ कुछ राशियों पर से शनि की दशा खत्म हो जाएगी। आइए जानते हैं शनि के कुंभ राशि में गोचर करने से किन राशियों से साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव आरंभ हो जाएगा।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनिदेव पिछले दो साल से ज्यादा समय से मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि के मकर राशि में होने से धनु, मकर और कुंभ राशि वालों पर इस समय शनि की साढ़ेसाती का असर है। 29 अप्रैल 2022 को शनि जैसे ही कुंभ राशि में प्रवेश करते ही मीन राशि वालों पर शनिदेव की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। वहीं दूसरी तरफ धनु राशि वालों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। मकर राशि वालों के ऊपर शनि का आखिरी चरण और कुंभ राशि वालों पर दूसरा चरण शुरू हो जाएगा।
शनि के कुंभ राशि में गोचर करने से दो राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। कर्क और वृश्चिक वालों पर ढैय्या शुरू हो जाएगी। अभी मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनिदेव तुला राशि में हमेशा अच्छा परिणाम देते हैं यानि तुला राशि में उच्च के होते हैं जबकि मेष राशि में नीच के होते हैं। शनि की महादशा 19 वर्ष की होती है। शनि को कुंभ और मकर राशि के स्वामी माना जाता है। अगर किसा जातक की कुंडली में शनि मजबूत और शुभ भाव में बैठे होते हैं तो व्यक्ति को बहुत सम्मान और पैसा प्राप्त होता है।
यह आम धारणा है कि शनिदेव एक अशुभ फल प्रदायक ग्रह है जबकि शनिदेव व्यक्ति के द्वारा किए गए कर्म के आधार पर शुभ अथवा अशुभ फल प्रदान करते हैं। शनि देव व्यक्ति पर अपना प्रभाव स्थापित अवश्य करते हैं चाहे शुभ फल हो अथवा अशुभ फल हो। व्यक्ति का जैसा कर्म होता है उसी के अनुरूप उसको फल प्रदान करते हैं। यह मानना बिल्कुल अनुचित है कि शनि देव अरिष्ट फल
ये भी पढ़ें : Kumbh Rashifal 27 April 2022 Aquarius horoscope Today
India News(इंडिया न्यूज), Rajasthan Weather Update: राजस्थान के लगभग सभी जिलों में कड़ाके की ठंड…
दुनिया में परमाणु हथियारों की बात करें तो उस वक्त सबसे ज्यादा परमाणु हथियार रूस…
India News(इंडिया न्यूज),Road accident: कानपुर देहात के सहायल थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह हुए दर्दनाक सड़क…
Puneet Superstar Viral Video: वायरल वीडियो में पुनीत जब तक संभल पाते, तब तक उन…
पोस्ट में रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग को टैग करते हुए मांग की है कि…
India News (इंडिया न्यूज), Itawa News: 22 नवंबर 2024 को प्रयागराज मंडल के इटावा रेलवे…