Aghan Month 2022: हिंदू धर्म में अगहन मास का काफी विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ये पांचवां महीना माना जाता है। इसे मार्गशीर्ष नाम भी कहते हैं। बता दें कि यें मास हिंदू व्रत त्योहारों के लिए काफी खास माना जाता है। साथ ही इस मास में भगवान विष्णु के साथ श्री कृष्ण की पूजा करना शुभ माना जाता है। वहीं, इस मास में विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए सबसे अच्छा होता है। पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के साथ कार्तिक मास समाप्त हो जाएगा और फिर अगहन मास आरंभ हो जाएगा। इस साल अगहन मास की शरुआत 9 नवंबर 2022 से हो रही है।

चंद्रमा दोष से पा सकते हैं छुटकारा

शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि अगर किसी की कुंडली में चंद्र दोष है, तो चंद्रमा संबंधी कुछ उपाय करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं या फिर दोष को कम भी किया जा सकता हैं।

अगहन मास में शंख की पूजा करना काफी शुभ

जानकारी के अनुसार, इस माह में शंख की पूजा करना शुभ माना जाता है। क्योंकि शंख में मां लक्ष्मी का वास होता है और भगवान विष्णु इसे धारण करते हैं।

अगहन को क्यों कहा जाता मार्गशीर्ष

अगहन मास को मार्गशीर्ष नाम से भी जानते हैं। इसका संबंध 27 नक्षत्रों में से एक मृगशिरा नक्षत्र से है। इस माह की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है। इस वजह से इसे मार्गशीर्ष मास के नाम से जानते हैं।

स्नान दान का महत्व

अगहन मास में यमुना नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। इस मास में स्नान करने से हर दोष से छुटकारा मिल जाता है। साथ ही सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। अगर आप तीर्थ स्थलों पर स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं, तो स्नान के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर नहा सकते हैं। इससे भी तीर्थ स्नान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होगी।

श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा

अगहन माह में हर दिन श्री कृष्ण के बाल स्वरूप बाल गोपाल की पूजा करनी चाहिए। रोजाना शंख में जल या दूध परकर अभिषेक करना चाहिए। इसके साथ ही बाल गोपाल को तुलसी, मोर पंख आदि चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही पीली मिठाई, माखन-मिश्री आदि चढ़ाएं। ऐसा करने से हर तरह के दोष से छुटकारा मिल जाता है। भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद मिलता है।