अहोई माता (Ahoi Ashtami 2021) का व्रत हर मां के लिए सौभाग्यशाली होता है। इस बार अहोई माता का व्रत 28 अक्टूबर को आ रहा है। इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि क्या बिना अहोई माला के पूजा की जा सकती है?
इस बार विशेष संयोगों के साथ अहोई अष्टमी व्रत आ रहा है। इसमें सवार्थ सिद्धि, गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि तथा गजकेसरी योग में पड़ रहा है जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास और लाभकारी माना जा रहा है।
Kya Ahoi Mata ki Mala Badal Sakte Hain क्या अहोई अष्टमी माता की माला बदल सकते हैं?
इस बारे में जानेमान विद्वान और ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू कहते हैं कि हां। अगर आपकी माता गुम हो गई है तो कोई बात नहीं। आप नई माला ले सकते हैं और उससे पूजा कर सकते हैं।
इसके लिए आप नई माला ले लें और इसे दिवाली तक धारण करके रखें। इस लेख में आपको बताया जाएगा कि माला को कैसे धारण करें और माला गुम जाए तो क्या करें?
इस बार विशेष संयोगों के साथ अहोई अष्टमी व्रत आ रहा है। इसमें सवार्थ सिद्धि, गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि तथा गजकेसरी योग में पड़ रहा है जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास और लाभकारी माना जा रहा है।
इस दिन व्रत के अतिरिक्त सोना, चांदी, मकान, घरेलू सामान, विद्युत या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, कंप्यूटर या दीर्घ काल में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं खरीदने का भी अक्षय तृतीया या धन त्रयोदशी जैसा ही शुभ दिन होगा।
इस दिन महिलाएं अहोई माता का व्रत रखती हैं और उनका विधि विधान से पूजा अर्चना करती हैं। यह व्रत संतान के खुशहाल और दीघार्यु जीवन के लिए रखा जाता है। इससे संतान के जीवन में संकटों और कष्टों से रक्षा होती है। अहोई अष्टमी का व्रत महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। अपनी संतान की मंगलकामना के लिए वे अष्टमी तिथि के दिन निर्जला व्रत रखती हैं। मुख्यत: शाम के समय में अहोई माता की पूजा अर्चना की जाती है। फिर रात्रि के समय तारों को करवे से अर्ध्य देती हैं और उनकी आरती करती हैं।
अहोई पूजा में एक अन्य विधान यह भी है कि चांदी की अहोई बनाई जाती है जिसे स्याहु कहते हैं। इस स्याहु की पूजा रोली, अक्षत, दूध व भात से की जाती है। पूजा चाहे आप जिस विधि से करें लेकिन दोनों में ही पूजा के लिए एक कलश में जल भर कर रख लें। पूजा के बाद अहोई माता की कथा सुनें और सुनाएं। पूजा के पश्चात अपनी सास के पैर छूएं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके पश्चात व्रती अन्न जल ग्रहण करती हैं।
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष अष्टमी आरंभ- 28 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट से
अष्टमी समाप्त-29 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से
अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 05 बजकर 39 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक है। पूजा का समय कुल मिलाकर 01 घंटा 17 मिनट रहेगा।
तारों को देखने का संभावित समय- शाम को 06 बजकर 03 मिनट पर
इस व्रत में बायना सास, ननद या जेठानी को दिया जाता है। व्रत पूरा होने पर व्रती महिलाएं अपनी सास और परिवार के बड़े सदस्यों का पैर छूकर आशीर्वाद लेती हैं। इसके बाद वह अन्न जल ग्रहण करती हैं। अहोई माता की माला को दीपावली तक गले में धारण किया जाता है।
Read Also : Diwali 2021 Messages for Couples
Read Also : Diwali 2021 Wishes Message for Brother
Read Also : Latest Bhai Dooj 2021 Wishes Messages in Hindi and English
Read Also : Festival of Faith Chhath Puja : आस्था का महापर्व छठ पूजा, जानिए विधि, सामग्री और मान्यताएं
India News (इंडिया न्यूज), Lucknow Tiger Terror: लखनऊ के रहमानखेड़ा इलाके में बाघ की दहशत…
India News (इंडिया न्यूज),Haryana Crime News: चरखी-दादरी जिले के कादमा गांव में बुधवार रात जमीनी विवाद…
India News (इंडिया न्यूज), Flagship Scheme Announced: पहली, स्कीम में एंट्री के लिए 23 अक्टूबर…
Actress Transformation: बॉलीवुड में एक समय था जब अभिनेत्री ईशा शरवानी अपनी खूबसूरती और अभिनय के…
India News (इंडिया न्यूज), kota Night Shelters: राजस्थान में लगातार तापमान बढ़ता ही जा रहा…
Sam Konstas vs Jasprit Bumrah: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट…