India News (इंडिया न्यूज), Aniruddhacharya Maharaj: अक्सर देखा और सुना जाता है कि कथा, सत्संग और मंदिर के दौरान लोगों के जूते-चप्पल चोरी हो जाते हैं। इससे लोगों को तुरंत काफी परेशानी होती है। हो सकता है कि आपके साथ भी ऐसी एक-दो घटनाएं हुई हों। इसे लेकर कई तरह की बातें हैं। क्या यह सही है या गलत और इसका क्या मतलब है, अनिरुद्धाचार्य महाराज ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में कहा, ‘जब कथा समाप्त होगी तो मैया कहेंगी महाराज हमारी चप्पल चोरी हो गई है। हम कथा सुनने आए थे, लेकिन वे चप्पल ही ले गए। हम तीन घंटे कथा सुनते हैं, लेकिन हम किस बात के लिए रो रहे हैं, चप्पल और जूते के लिए।’

दस साल तक नंगे पैर रहे कन्हैया

भगवान कृष्ण का जिक्र करते हुए अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा, “यहां आप चप्पल-जूते से अपना ध्यान नहीं हटा सकते। हमारे कन्हैया वृंदावन में साढ़े दस साल तक नंगे पैर रहे। अगर आप वृंदावन आए हैं तो जिस कमरे में ठहरे हैं, वहां चप्पल-जूते उतार दें और नंगे पैर ब्रज मंडल में घूमें, ताकि यहां की मिट्टी आपके शरीर से लगी रहे। इससे चप्पल-जूते चोरी होने की संभावना भी खत्म हो जाएगी और आपका ध्यान चप्पल-जूते से हटकर कथा पर चला जाएगा।”

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सादा जीवन जियें

उन्होंने कहा, “अब या तो इतनी महंगी चीजें मत पहनो। अगर पहन रहे हो और चोरी हो जाए तो बड़ा दिल रखो ताकि खो जाने पर रोना न पड़े। या फिर पहनो ही मत। इन चीजों से अपना ध्यान हटाओ। सादा जीवन जियो। ज्यादा दिखावटी मत बनो। धाम में आए हो तो तुम्हारा ध्यान भगवान पर होना चाहिए, चीजों पर नहीं। अगर तुम उन पर ध्यान दोगे तो भगवान पर ध्यान नहीं लगा पाओगे।”

आपके और भगवान के बीच कोई नहीं होना चाहिए

उन्होंने कहा, “आजकल भक्तों में त्याग नहीं है। वे भक्ति तो करते हैं, लेकिन वस्तुओं में पूरी तरह आसक्त रहते हैं। वे माला जपेंगे, लेकिन आंखें इधर-उधर भटकने लगती हैं। इस तरह ध्यान करें कि आपके और भगवान के बीच कोई न हो। जब आंखें बंद हों, तो भगवान आपके सामने खड़े दिखाई दें।” कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने वीडियो में और भी कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए। अगर आप जानने के इच्छुक हैं, तो आप ऊपर दिया गया उनका वीडियो देख सकते हैं, जिसे हमने उनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल से लिया है।

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