इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
हरितालिका तीज व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की हस्त नक्षत्र युक्त तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस बार 9 सितंबर 2021 दिन गुरुवार को यह व्रत मनाया जायेगा। इस दिन महिलाएं पूरे दिन उपवास करेंगी और अगले दिन यानी 10 सितंबर को पारण होगा। हरितालिका तीज व्रत सुहागिन महिलाएं भगवान शिव व माता पार्वती एवं गणेश जी की मिट्टी के द्वारा अस्थाई प्रतिमा बना कर सौभाग्यवती स्त्रियां अपने सुहाग को अखण्ड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां मन मुताबिक वर पाने के लिए यह व्रत रखती है और सुखी वैवाहिक जीवन तथा संतान की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और बिहार में मनाया जाने वाला यह त्योहार करवाचौथ से भी कठिन माना जाता है। व्रती महिलाएं इस व्रत में पूरे दिन रात निर्जल रह कर व्रत करती है और अगले दिन पूजन के पश्चात ही व्रत तोड़ा जाता है। इस व्रत से जुड़ी एक मान्यता यह है कि इस व्रत को करने वाली स्त्रियां पार्वती जी के समान ही सुखपूर्वक पतिरमण करके शिवलोक को जाती हैं। सर्वप्रथम इस व्रत को माता पार्वती ने भगवान शिव शंकर के लिए रखा था। इस दिन विशेष रूप से गौरी-शंकर का ही पूजन किया जाता है।
माताओं बहनों को अपने पति से अनबन हो वह दोनों पति पत्नी मिलकर इस पूजन को करें और कथा को सुनें तो निश्चित रूप से भगवान शिव की कृपा से दांपत्य जीवन सुखी हो जायेगा। शास्त्र के अनुसार समस्त स्त्री जाति की भलाई के लिए यह सर्वोत्तम व्रत बताया गया है, जो स्त्री अपने सौभाग्य की रक्षा यत्नपूर्वक करना चाहती है, वह इस व्रत को निश्चित करें, तो आइए जानते हैं कि इस वर्ष की तैयारी कैसे करें। एक सुंदर छोटी चौकी पर चारों तरफ से केले के खंभे से सुशोभित सुंदर मंडप बनावे और उसमें रेशमी चंदवा लगावे एक थाली में भगवान के स्नान के लिए दूध दही घी मधु शक्कर गंगाजल रोली चंदन सिंदूर भस्म जनेऊ अछत रक्षा सूत्र धूप दीप प्रसाद भगवान का वस्त्र फूल बेलपत्र आदि इकट्ठा कर लें।
दिनभर उपवास रखकर रात्रि भर जागरण पूर्व भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा उपासना करें साथ में मौसमी फल विशेष रूप से रखे और शिव माता पार्वती से यह प्रार्थना करें हे शिवे शिवरुपिणी हे मंगले सब अर्थों को देने वाली देवी हे शिव रुपे आपको नमस्कार है हे शिवरूपे आपको सदा के लिए नमस्कार है हे ब्राह्रारुपणी आपको सदा के लिए नमस्कार है हे जगत धात्री आपको नमस्कार है हे सिंह वाहिनी संसार के भय से भयभीत मुझ दीन की रक्षा करें और अपनी मन की कामना पूर्ति के लिए भगवान शिव माता पार्वती की पूजा कर ब्राह्मण से कथा श्रवण करें इस तरह पति पत्नी एक चित्र होकर दोनों एक साथ कथा सुने फिर वस्त्र आदि जो कुछ भी संकल्प किए हैं वह सब संकल्प कर ब्राह्मण को दान दे।
भाद्रपद मास की तृतीया तिथि 8 सितंबर दिन बुधवार की देर रात 2 बजकर 33 मिनट पर शुरू हो जाएगी
तृतीया तिथि समाप्त 09 सितंबर की रात 12 बजकर 18 मिनट पर होगी।
उदया तिथि 9 सितंबर को होने के कारण यह इसी दिन रखा जाएगा।
पहला पूजा मुहूर्त 09 सितंबर की सुबह 06 बजकर 03 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक
दूसरा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद का है। इसमें शाम को 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक पूजा कर सकते हैं।
मिट्टी से बनाएं शिव, पार्वती और गणेश की प्रतिमाएं
हरितालिका तीज व्रत में भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश की पूजा करें।
इसके बाद बेलपत्र, दूर्वा, रोली, सिंदूर, चंदन, फल-फूल अपर्ण करें। दीप जलाएं।
माता पार्वती को वस्त्र और श्रृंगार अर्पित करें, शिव-गणेश को वस्त्र अर्पित करें।
हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें, आरती करें और फिर भोग लगाएं।
अगले दिन सूर्यास्त के बाद पारण करें।
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