India News(इंडिया न्यूज), Mahabharat Arjun: महाभारत काल की ऐसी कई-कहानियां हैं जो आज भी लोगो से रूबरू नहीं हो सकी हैं। उसी में एक हैं महाभारत युद्ध की चक्रव्यूह रणनीति। महाभारत युद्ध में चक्रव्यूह एक ऐसी रणनीतिक युद्ध सरंचना थी तोड़ पाना लगभग असंभव था। लेकिन फिर भी इसे तोडा गया वो भी महाभारत के एक योद्धा अर्जुन द्वारा ही मगर कैसे? इसकी रचना महाभारत के 13वें दिन गुरु द्रोणाचार्य ने की थी। लेकिन क्या आप जानते हैं इस महाभारत के चक्रव्यूह को तोडना सिर्फ अर्जुन को ही क्यों आता हैं? चलिए आज ये भी जान लीजिये……
महाभारत युद्ध के दौरान चक्रव्यूह को भेदने की क्षमता केवल अर्जुन के पास थी क्योंकि उन्हें इसके रहस्यों और रणनीतियों का ज्ञान था। चक्रव्यूह एक अत्यंत जटिल और शक्तिशाली युद्ध संरचना थी, जिसे तोड़ने के लिए एक विशिष्ट प्रकार की कुशलता और ज्ञान की आवश्यकता होती थी। यह ज्ञान अर्जुन को उनके गुरु द्रोणाचार्य से मिला था, जिन्होंने उन्हें विशेष रूप से चक्रव्यूह में प्रवेश करने और इसे भेदने की तकनीक सिखाई थी।
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अर्जुन को धनुर्विद्या और युद्ध की रणनीतियों में महारत हासिल थी, जो उन्हें अन्य योद्धाओं से अलग बनाती थी। हालांकि, अर्जुन ने केवल चक्रव्यूह में प्रवेश करने और इसे तोड़ने की तकनीक सीखी थी, लेकिन अभिमन्यु ने केवल चक्रव्यूह में प्रवेश करने का ज्ञान अर्जित किया था, उसे तोड़ने का नहीं। यही कारण था कि अभिमन्यु चक्रव्यूह के भीतर फँस गया और अंततः मारा गया।
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अर्जुन के अतिरिक्त और किसी योद्धा को पूरी तरह से चक्रव्यूह को तोड़ने का ज्ञान नहीं था, इसलिए यह कार्य उनके लिए ही संभव था।
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