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पितर पूजन के लिए बेहद खास मानी जाती है आषाढ़ अमावस्‍या कि यह तिथि, जानें महत्‍व और डेट

Prachi Jain • LAST UPDATED : July 2, 2024, 5:49 pm IST

India News(इंडिया न्यूज), Ashadha Amavasya Pitra Pooja: आषाढ़ अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है। यह तिथि पितरों के पूजन और तर्पण के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और तर्पण किया जाता है।

महत्त्व

पितर पूजन: आषाढ़ अमावस्या को पितरों का तर्पण और पूजन करने से उनके आशीर्वाद से वंशवृद्धि, सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।

आत्मा की शांति: इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए पवित्र नदियों में स्नान और तर्पण किया जाता है। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।

कर्मों का शुद्धिकरण: इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

धन और समृद्धि: पितरों की कृपा से घर में धन, समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है। पितर प्रसन्न होकर परिवार के सभी सदस्यों को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

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आषाढ़ अमावस्या 2024 की तिथि

आषाढ़ अमावस्या 2024 में 6 जुलाई को पड़ रही है। इस दिन पितर पूजन, तर्पण और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने का विशेष महत्व है।

पूजा विधि

स्नान: प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व पवित्र नदियों या किसी पवित्र जलस्रोत में स्नान करें।
तर्पण: पितरों का तर्पण करें। तर्पण के लिए काले तिल, जौ, कुश और जल का उपयोग करें।
पूजन: पितरों की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक, धूप, पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें।
व्रत: इस दिन व्रत रखें और पवित्रता का पालन करें।
दान: ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र, और दक्षिणा का दान करें। यह भी पितरों को प्रसन्न करने का एक महत्वपूर्ण उपाय है।

महत्वपूर्ण सुझाव

भोजन: व्रत के दौरान फलाहार या सात्विक भोजन ग्रहण करें।

श्रद्धा और भक्ति: पितर पूजन श्रद्धा और भक्ति के साथ करें। यह दिन विशेष रूप से पितरों के लिए समर्पित होता है, इसलिए ध्यान और मन से पूजा करें।

पवित्र स्थान: पूजन और तर्पण किसी पवित्र स्थान, मंदिर या घर के साफ-सुथरे स्थान पर करें।

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आषाढ़ अमावस्या पितरों के आशीर्वाद और उनकी कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय है। इस दिन के विशेष महत्त्व को समझते हुए पितर पूजन और तर्पण करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।

डिस्क्लेमर:इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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