Hindi News / Dharam / At What Time In The Whole Day Does Maa Saraswati Sit On The Tongue How The Words Spoken At This Time Become A Line Of Stone

पूरे दिन में किस वक्त जुबान पर बैठती है मां सरस्वती? कैसे इस समय पर निकली बात बन जाती है पत्थर की लकीर

Jeebha Par Maa Saraswati ka Vaas: पूरे दिन में किस वक्त जुबान पर बैठती है मां सरस्वती

BY: Prachi Jain • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Jeebha Par Maa Saraswati ka Vaas: हिंदू धर्म में मां सरस्वती को ज्ञान, वाणी और कला की देवी माना गया है। यह मान्यता है कि कुछ विशेष समयों पर मां सरस्वती व्यक्ति की जुबान पर विराजमान होती हैं। इस समय जो बात मुंह से निकलती है, वह सत्य हो जाती है और पत्थर की लकीर बन जाती है। इस लेख में हम जानेंगे कि यह समय कौन-सा होता है, इसका महत्व क्या है, और इसे जीवन में कैसे उपयोगी बनाया जा सकता है।

मां सरस्वती जुबान पर कब विराजमान होती हैं?

पौराणिक मान्यताओं और ज्योतिषीय दृष्टिकोण के अनुसार, मां सरस्वती विशेष समयों में किसी व्यक्ति की जुबान पर विराजती हैं। यह समय प्रायः सुबह के समय होता है, जब व्यक्ति का मन शांत और स्वच्छ होता है। विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच) को अत्यधिक शुभ माना जाता है।

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Jeebha Par Maa Saraswati ka Vaas: पूरे दिन में किस वक्त जुबान पर बैठती है मां सरस्वती

इसके अलावा, मान्यता है कि किसी विशेष अवसर, पूजा, या ध्यान के दौरान जब व्यक्ति पूरी तरह एकाग्र होता है, तब भी मां सरस्वती की कृपा उस पर बनी रहती है।

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इस समय निकली बात का प्रभाव

मां सरस्वती के जुबान पर विराजमान होने के समय कही गई बातों का विशेष महत्व होता है। यह बात न केवल सच होती है बल्कि इसका दीर्घकालिक प्रभाव भी रहता है। उदाहरणस्वरूप:

  • आशीर्वाद और शुभकामनाएं: इस समय दिए गए आशीर्वाद का व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक असर होता है।
  • शाप या नकारात्मक शब्द: यदि इस समय नकारात्मक या कटु शब्द बोले जाएं, तो वे भी प्रभावी हो सकते हैं। इसलिए इस समय विशेष सतर्कता की आवश्यकता होती है।
  • संकल्प और प्रतिज्ञा: इस समय किए गए संकल्प को पूरा करने की संभावना अधिक होती है।

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इस समय का उपयोग कैसे करें?

  1. शुद्ध और सकारात्मक विचार रखें: सुबह के समय मन और वाणी को शुद्ध रखने का प्रयास करें। ध्यान, प्रार्थना, और सकारात्मक विचार इस समय को अधिक शुभ बनाते हैं।
  2. अच्छे कार्यों की योजना बनाएं: इस समय जीवन के लिए कोई बड़ा निर्णय लेना या लक्ष्य निर्धारित करना फायदेमंद हो सकता है।
  3. मौन और ध्यान का अभ्यास: ब्रह्म मुहूर्त में मौन रहकर ध्यान करना और मां सरस्वती का स्मरण करना, वाणी और विचारों में स्थिरता लाता है।

मां सरस्वती के जुबान पर बैठने की मान्यता न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक आधार भी है। यह समय हमें अपनी वाणी और विचारों को सकारात्मक दिशा में ले जाने का अवसर देता है। इसलिए, अपने विचारों और शब्दों का उपयोग ध्यानपूर्वक करें और इस शुभ समय का अधिकतम लाभ उठाएं।

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