इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली।

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इस तिथि को साल भर में पड़े अबूझ मुहूर्तों में से एक मानी जाती है। बता दें कि अक्षय तृतीया एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है- अक्षय यानी सुख, सफलता, आनंद की कभी कमी न हो और तृतीया यानी तीन।

अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक काम करना काफी शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन वाहन, प्रॉपर्टी आदि के अलावा सोना खरीदना काफी शुभ माना जाता है। सोने का खरीदना का अर्थ है कि आने वाला पूरा साल धन और सौभाग्य की प्राप्ति हो। जानिए अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।

अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त

  • तृतीया तिथि आरंभ – 03 मई, मंगलवार को सुबह 05:20 बजे से शुरू
  • अक्षय तृतीया समाप्त- 04 मई को सुबह 07:30 बजे तक
  • पूजा का शुभ मुहूर्त- 3 मई सुबह 05:39 बजे से लेकर दोपहर 12:18 बजे तक।

अक्षय तृतीया पर बन रहा खास संयोग

इस साल अक्षय तृतीया पर काफी खास संयोग बन रहा है। जो करीब पांच दशक बाद बन रहा है। दरअसल, इस बार अक्षय तृतीया के दिन रोहिणी नक्षत्र के साथ शोभन योग भी बन रहा है। इसके साथ ही अक्षय तृतीया मंगलवार के दिन होने के कारण रोहिणी योग का निर्माण कर रहा है। इसके अलावा चंद्रमा और सूर्य उच्च राशि में विराजमान है। जहां चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में होंगे और वहीं शुक्र अपनी उच्च राशि मीन राशि में होंगे। इतना ही नहीं गुरु अपनी स्वराशि मीन में और शनि अनी स्वराशि कुंभ में होंगे। ऐसे दुर्लभ संयोग करीब 50 साल बाद हो रहे है। यह संयोग काफी मंगलकारी माना जा रहा है।

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