India News(इंडिया न्यूज), Babar’s Favorite Things In India: बाबर, जो मुघल साम्राज्य का संस्थापक था, हिंदुस्तान की दो प्रमुख चीजों की तारीफ करता नहीं थकता था: भारतीय गज़लों की मिठास और भारतीय फल, खासकर अंगूर की मिठास।

1. भारतीय गज़लों की मिठास:

बाबर के समय में हिंदुस्तान में उर्दू और फारसी साहित्य की समृद्ध परंपरा थी। बाबर की आत्मकथा “बाबरनामा” में उसने भारतीय गज़लों की तारीफ की है। गज़ल, एक प्रकार की कविता है जिसमें प्रेम, सौंदर्य, और जीवन की गहराइयों को व्यक्त किया जाता है। बाबर ने गज़ल के सौंदर्य और उसकी भावनात्मक गहराइयों को बहुत सराहा। उसकी तारीफ ने इस बात को स्पष्ट किया कि वह भारतीय साहित्य और कला की कद्र करता था। गज़लों की मिठास ने उसे इतना प्रभावित किया कि उसने इस कला की सराहना की और इसे अपने अनुभवों और परिवेश में शामिल किया।

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2. भारतीय अंगूर की मिठास:

बाबर ने भारतीय फल, विशेष रूप से अंगूर की भी प्रशंसा की। अंगूर की मिठास और गुणवत्ता ने बाबर को बेहद प्रभावित किया। उसके समय में अंगूर की किस्में बहुत विविध और स्वादिष्ट थीं, जो उसे अपने देश की फलों की किस्मों से कहीं बेहतर लगीं। अंगूर की मिठास और इसके विभिन्न रंगों ने बाबर को भारतीय कृषि और खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की गहराई से सराहना करने पर मजबूर कर दिया। अंगूर की खासियत ने उसे इतना प्रभावित किया कि उसने इसके बारे में अपने लेखों और टिप्पणियों में विस्तार से लिखा।

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इन दो चीजों की तारीफ से स्पष्ट होता है कि बाबर का भारतीय संस्कृति और उसके विभिन्न पहलुओं के प्रति गहरा सम्मान था। भारतीय गज़लों की मिठास और अंगूर की गुणवत्ता ने उसके अनुभवों को समृद्ध किया और उसकी सराहना को दर्शाया। यह तथ्य दर्शाता है कि बाबर ने हिंदुस्तान के सांस्कृतिक और खाद्य विविधताओं को गहराई से समझा और सराहा।