India News (इंडिया न्यूज़), Basant Panchami 2024, दिल्ली: हिंदू पंचांग के मुताबिक, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन विद्या, ज्ञान, कला की देवी मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है। बता दें कि इस साल बसंत पंचमी 14 फरवीर, बुधवार को मनाई जा रही है। मान्यताओं के मुताबिक देवी सरस्वती की पूजा के साथ सरस्वती स्त्रोत पढ़ने से अद्भुत परिणाम मिलते हैं। तो आइए जानते हैं कि आखिर बसंत पंचमी के दिन सरस्वती मां की पूजा क्यों की जाती है।

क्यों की जाती है बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा

पुराणों के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन ही माता सरस्वती का जन्म हुआ था। रचियता भगवान ब्रह्मा के मुख से वसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। इसलिए इस दिन सरस्वती माता की खास पूजा का आयोजन किया जाता है। मां सरस्वती को विद्या, बुद्धि, संगीत, कला और ज्ञान की देवी कहा जाता है। इस दिन मां सरस्वती से विद्या, बुद्धि, कला और ज्ञान का वरदान भी मांगा जाता है। मां सरस्वती को पीला रंग बहुत पसंद हैय़ इसलिए इस दिन लोग पीले रंग के करड़े पहनकर और पीले व्यंजन का भोग लगाकर मां सरस्वती को प्रसन्न करने का पुरा प्रयास करते हैं

बसंत पंचमी का महत्व

इस दिन सरस्वती पूजन किया जाता है। वसंत पंचमी पर मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सरस्वती स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इस दिन सभी स्कूल-कॉलेज में मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है। मान्यता है कि इस दिन सरस्वती मां की पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है। कई जगह बसंत पंचमी के दिन सरस्वती देवी के साथ विष्णु भगवान की भी आराधना की जाती हैं।  इस दिन मां सरस्वती को खिचड़ी और पीले चावल का भोग चढ़ाया जाता है।

मां सरस्वती की पूजन सामग्री

  • मां सरस्वती की तस्वीर या मूर्ति
  • पीले रंग के वस्त्र पहनाने के लिए
  • एक लकड़ी की चौकी
  • चौकी में बिछाने के लिए पीले रंग का कपड़ा
  • पीले रंग के फूल और माला
  • सफेद चंदन, रोली, सिंदूर
  • आम का पत्ता
  • एक लोटा जल के लिए
  • एक पान, सुपारी, छोटी इलायची, लौंग
  • तुलसी दल
  • हल्दी
  • बेसन के लड्डू, बूंदी, मोतीचूर के लड्डू, मालपुआ, केसर की खीर, केसर का हलवा
  • कलावा या मौली
  • घी का दीपक
  • अगरबत्ती
  • बसंत पंचमी हवन के लिए सामग्री
  • एक हवन कुंड
  • आम की सूखी लकड़ियां
  • चंदन, बेल, नीम, मुलेठी, पीपल की लकड़ियां
  • गूलर की छाल, पलाश, अश्वगंधा और ब्राह्मी आदि
  • यज्ञ सामग्री
  • चावल, काला तिल, शक्कर, घी, जौ
  • एक सूखा नारियल या गरी का गोला
  • लाल कपड़ा नारियल लपेटने के लिए
  • रक्षा सूत्र

 

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