Ganesh Stotra: श्रीगणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। हर काम की शुरूआत से पहले श्रीगणेश का नाम लिया जाता है। सभी देवी-देवताओं में भगवान गणेश को प्रथम स्थान दिया गया है। भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से सभी विघ्न और कष्ट दूर हो जाते हैं। गणपति बप्पा की आराधना करने के लिए कई मंत्र और स्त़ोत्र आदि हैं। श्रीगणेश की आराधना को सर्वदा फलदायी माना जाता है। इनकी पूजा करने से संतान और धन दोनों की प्राप्ति होती है। इंसान को संतान गणपति स्तोत्र का पाठ करने से पहले शुद्ध और पवित्र होना चाहिए। इस स्तोत्र का पाठ करने से सुयोग्य संतान का आशीष मिलता है।
संतान गणपति स्तोत्र-
नमोऽस्तु गणनाथाय सिद्धी बुद्धि युताय च।
सर्वप्रदाय देवाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च।।
गुरु दराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय ते।
गोप्याय गोपिताशेष भुवनाय चिदात्मने।।
विश्व मूलाय भव्याय विश्वसृष्टि करायते।
नमो नमस्ते सत्याय सत्य पूर्णाय शुण्डिने।।
एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम:।
प्रपन्न जन पालाय प्रणतार्ति विनाशिने।।
शरणं भव देवेश सन्तति सुदृढ़ां कुरु।
भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गण नायक।।
ते सर्वे तव पूजार्थम विरता: स्यु:रवरो मत:।
पुत्रप्रदमिदं स्तोत्रं सर्व सिद्धि प्रदायकम्।।
जानें गणपति स्तोत्र के लाभ
- इस स्तोत्र का पाठ करने से तेजस्वी संतान की प्राप्ति होती है।
- संतान गणपति स्तोत्र का पाठ करने से संतान का जीवन हमेशा सुखमय व्यतीत होता है।
- गणपति स्तोत्र के पाठ से आपकी संतान हमेशा रोगमुक्त रहेगी।
- संतान गणपति स्तोत्र के पाठ से आपकी संतान की बुद्धि कुशाग्र और तीव्र हो जाती है।
- इस स्तोत्र का पाठ करने से आपकी संतान पर भगवान श्री गणेश की कृपा बनी रहती है।
- स्तोत्र के पाठ से आपकी संतान और भी बलशाली बनती है। साथ ही समस्याओं के प्रति निडर बनती है।