Bhai Dooj 2021 भाई दूज एक हिंदू त्यौहार है। यह त्योहार अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। भाईदूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस दिन भाई बहन के घर जाता है। यह त्यौहाार भारत और नेपाल में मनाया जाता है।
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक यह त्यौहार कार्तिक के महीने में मनाया जाता है। इस दिन के अनुष्ठान और उत्सव रक्षा बंधन जैसे लोकप्रिय उत्सव के समान हैं। इस विशेष अवसर पर भाई अपनी बहनों को कई उपहारों देते हैं और बदले में बहनें अपने भाइयों को मिठाई देती हैं। यह पर्व भाई और बहन के अटूट प्यार का प्रतीक है।
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भाई-बहनों के बीच प्रेम को मजबूत करने के लिए यह भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। यह एक दिन है, जिस दिन भाई-बहन साथ में खाना खाते है, उपहार देते हैं और दिल से एक दूसरे को मानते हैं। परंपरागत रूप से, विवाहित महिलाओं के भाइयों के लिए भाई दूज लागू होता हैं।
यह भाई बहन के रिश्ते को मजबूत करने के अलावा, भाई को अपनी बहन के घर की स्थितियों की जांच करने का मौका मिलता है। इसलिए परंपरागत रूप से, सभी भाई इस दिन अपनी बहनों के घर जाते हैं और उन्हें उपहार देते हैं। बहनें भी अपने भाई के लंबे जीवन और अच्छे स्वास्थ्य लिए प्रार्थना करती हैं।
भाई दूज के दिन बहन बचपन से अपने साथ खेलने और साथ में जीवन बिताने वाले भाई के साथ पुराने पलों को याद करती हुई अपना प्रेम प्रकट करती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाई दूज का पर्व दीपावली के ठीक दो दिन बाद कार्तिक महीने की शुक्ल द्वितीय को मनाया जाता है। इसके साथ ही पंचदिवसीय दीवाली की धूम भी भाई दूज अर्थात यम द्वितीया के दिन समाप्त हो जाती है।
कहा जाता है भगवान सूर्यदेव (रवि) ने समजना नामक युवती से विवाह किया था। जिन्होंने अपने विवाह के एक साल बाद दौ जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। रवि ने इनके नाम यम और यमुना रखा। लम्बे समय तक समजना द्वारा अपने पति के साथ न रह पाने के कारण उन्होंने धरती पर रहने का निश्चय किया। मगर वह अपने पति के साथ छाया के रूप में बनी रही।
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(Bhai Dooj 2021)
उसी समय उनके पुत्र भी साथ-साथ खाते पीते बड़े हो गये। उस छाया को समजना से इर्ष्या होने लगी, सूर्यदेव से उनके पुत्रों यम और यमुना को दूर करने के लिए अत: उन्होंने अपने पुत्रो को जन्म दिया और यम और यमुना के साथ पर भेज दिया। यमुना धरती पर आकर नदी के रूप में बहने लगी, तथा यम यमलोक चले गये जहां की सता उन्हें प्राप्त हो गई।
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कई सालों तक यम और यमुना अलग अलग रहने लगे एक बार यम ने अपनी बहिन से मिलने का निश्चय किया। जब यमुना के घर भाई आए तो उन्होंने ठाठ बाट से उनका स्वागत किया तथा एक बड़ी दावत दी। यह अवसर दीपावली के दौ दिन बाद का था। जब भाई के वापिस जाने का वक्त हुआ तो वह बहन के पास गये और बोले आपने मेरा बहुत आदर सम्मान किया। इसके बदले में मै आपकों क्या उपहार दू।
बहन ने कहा मुझे उपहार कुछ नही चाहिए इस दिन प्रत्येक बहन को उनके भाई के दर्शन सुलभ हो। उन्हें भाई दूज के दिन अपनी बहिन को जरुर याद करना चाहिए। तभी यमराज बोले- बहन भाई दूज के दिन जो भी भाई अपनी बहिन के लिए भेट लेकर जाएगे, उन्हें स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होगी।
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