India News (इंडिया न्यूज),Chaitra Navratri 2025: आज चैत्र नवरात्रि का छठा दिन और शुक्रवार व्रत है। आज सप्तमी पर मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा करते हैं। आज चैत्र शुक्ल सप्तमी तिथि, आर्द्रा नक्षत्र, शोभन योग, गर करण, पश्चिम दिशा का दिशाशूल और मिथुन राशि का चंद्रमा है। मां दुर्गा ने रक्तबीज नामक राक्षस का वध करने के लिए कालरात्रि का रूप धारण किया था। उनका रूप भयानक है। वे चार भुजाओं वाली श्याम वर्ण की देवी हैं, जिनके हाथों में वज्र और तलवार है।
इनका वाहन गधा है। वे रात्रि के समान भयानक हैं और उन्होंने काली का रूप धारण किया है। इसीलिए इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। मां कालरात्रि की पूजा करने वालों को शुभ फल की प्राप्ति होती है। क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः मंत्र से पूजा करें और गुड़हल का प्रसाद चढ़ाएं। लाल गुड़हल और गुलाब के फूल चढ़ाएं। इस देवी की कृपा से अकाल मृत्यु और अज्ञात भय से मुक्ति मिलती है। शत्रुओं पर विजय मिलती है।
Chaitra Navratri 2025: कालरात्रि की कृपा से चमकेगी किस्मत!
पंचांग के अनुसार सप्तमी तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग और स्वर्ग की भद्रा है। इस भद्रा का पृथ्वी पर कोई प्रभाव नहीं होगा। आज शुक्रवार का व्रत भी है, जिसमें प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान मां लक्ष्मी को मखाने की खीर, दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं। धन की देवी को पीली कौड़ियां चढ़ाएं। उनकी कृपा से आपकी दरिद्रता दूर होगी। धन, संपत्ति और वैभव में वृद्धि होगी। कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से अपार धन की प्राप्ति होती है। पूजा के अंत में लक्ष्मी जी की आरती न करें. मान्यताओं के अनुसार आरती के बाद देवता उस स्थान को छोड़ देते हैं। शुक्र को मजबूत करने के लिए सफेद वस्त्र, चीनी, दूध, चावल, इत्र आदि का दान करना चाहिए। वैदिक पंचांग से जानिए शुक्रवार का मुहूर्त, चौघड़िया, शोभन योग, सूर्योदय, चंद्रोदय, राहुकाल, दिशाशूल आदि।