India News (इंडिया न्यूज), Chaitra Navratri 2025: चैत्र हिंदू कैलेंडर का पहला महीना है। चैत्र महीने के आखिरी दिन यानी पूर्णिमा को चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में होता है। इसी कारण इसका नाम चैत्र पड़ा है। चैत्र महीने में देवी दुर्गा, भगवान विष्णु के पहले मत्स्य अवतार और सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। सृष्टि की शुरुआत चैत्र महीने से ही हुई थी। चैत्र में प्रकृति में भी परिवर्तन होता है, इसलिए इस महीने में बासी भोजन नहीं करना चाहिए, देर तक नहीं उठना चाहिए और गर्म पानी से स्नान नहीं करना चाहिए। चैत्र का महीना 15 मार्च से शुरू होकर 12 अप्रैल 2025 तक रहेगा। व्रत और त्योहारों की बात करें तो चैत्र में कई महत्वपूर्ण त्योहार आएंगे जैसे नवरात्रि, रंग पंचमी, शीतला अष्टमी, सूर्य ग्रहण, चैत्र अमावस्या, प्रदोष व्रत, रामनवमी, गुड़ी पड़वा, हनुमान जयंती, पापमोचनी एकादशी आदि।
चैत्र मास व्रत त्यौहार 2025
15 मार्च 2025 – चैत्र मास प्रारंभ
16 मार्च 2025 – भाई दूज
होली के बाद चैत्र मास में भाई दूज का त्यौहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन जो बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उसकी मंगलकामना करती हैं, उनके जीवन में खुशियाँ आती हैं।
17 मार्च 2025 – भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी का त्यौहार भगवान गणेश को समर्पित है। संकट से मुक्ति पाने के लिए यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
19 मार्च 2025 – रंग पंचमी
रंग पंचमी का त्यौहार देवी-देवताओं को समर्पित है, मान्यता है कि इस दिन भगवान सूक्ष्म रूप में धरती पर आते हैं।
21 मार्च 2025 – शीतला सप्तमी
22 मार्च 2025 – शीतला अष्टमी, बासौड़ा, कालाष्टमी
शीतला अष्टमी का पर्व बीमारियों और संक्रमण से बचाव के लिए मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता शीतला को बीमारियों की देवी कहा जाता है।
25 मार्च 2025 – पापमोचनी एकादशी
पापमोचनी एकादशी को पापों से मुक्ति दिलाने वाली माना जाता है। पापों से मुक्ति पाने के लिए इस दिन श्री हरि विष्णु की पूजा करें।
27 मार्च 2025 – प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
29 मार्च 2025 – सूर्य ग्रहण, चैत्र अमावस्या
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण चैत्र अमावस्या को लगने जा रहा है। चैत्र अमावस्या पितरों को समर्पित होती है। इस दिन धार्मिक अनुष्ठान करने वालों को जीवन में कभी दुखों का सामना नहीं करना पड़ता।
30 मार्च 2025 – गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। ब्रह्म पुराण के अनुसार देवी ने ब्रह्माजी से सृष्टि की रचना करने को कहा था। चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था।
31 मार्च 2025 – गणगौर
06 अप्रैल 2025 – राम नवमी
राम नवमी के पर्व पर श्री राम का जन्म हुआ था। मान्यता है कि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पूजा करने से भक्त के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन में आने वाले सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
12 अप्रैल 2025 – चैत्र पूर्णिमा हनुमान जयंती
खास बात यह है कि श्री राम जी के परम भक्त हनुमान जी की जयंती चैत्र माह में ही मनाई जाती है। हनुमान जयंती पर हनुमान जी की विशेष पूजा करने का प्रावधान है, ऐसा करने से हम अपने जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर कर सकते हैं।