Hindi News / Dharam / Chandrakup Well How Many More Days Are Left In Life This Well Is The Answer To Every Question Death Is Certain If The Shadow Is Not Seen

अभी कितने दिन और बची है जिंदगी…हर सवाल का जवाब है ये कुंआ, परछाई न दिखने पर निश्चित होती है मौत, जानें जगह का नाम?

Chandrakup well Varanasi: इस कुंए में परछाई न दिखने पर हो जाती है मौत जानें नाम

BY: Prachi Jain • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Chandrakup well Varanasi: भारत की प्राचीन नगरी वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है, अपने धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इस शहर में कई रहस्यमयी स्थान हैं, जिनमें से एक है चंद्रकूप। चंद्रकूप एक ऐसा कुआं है जिसके बारे में मान्यता है कि यह मनुष्यों को उनकी मृत्यु का संकेत देता है। आइए इस रहस्यमयी कुएं और इसके पौराणिक महत्व को समझने का प्रयास करें।

चंद्रकूप का स्थान और महत्व

चंद्रकूप वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित है और सिद्धेश्वरी मोहल्ले के सिद्धेश्वरी मंदिर का हिस्सा है। यह स्थान चंदेश्वर लिंग के लिए प्रसिद्ध है। इस कुएं को एक प्राचीन शिवभक्त द्वारा बनाया गया माना जाता है। कथा है कि इस भक्त की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इस कुएं को आशीर्वाद दिया, जिससे यह एक विशेष शक्तिशाली स्थल बन गया। तभी से यह कुआं अपनी रहस्यमयी भविष्यवाणी के लिए जाना जाता है।

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चंद्रकूप और मौत का संकेत

चंद्रकूप की सबसे रहस्यमयी विशेषता यह है कि इसमें झांकने पर यदि व्यक्ति को अपना प्रतिबिंब नहीं दिखाई देता, तो यह संकेत माना जाता है कि उस व्यक्ति की अगले छह महीनों के भीतर मृत्यु हो सकती है। यह घटना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझना कठिन है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं में इसे महादेव के आशीर्वाद से जुड़ा हुआ माना जाता है।

पूजा और चंद्रकूप का महत्व

वाराणसी में सिद्धेश्वरी मंदिर में पूजा करने वाले भक्तों के लिए चंद्रकूप का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजा तब तक पूरी नहीं मानी जाती जब तक कि भक्त चंद्रकूप का पवित्र जल ग्रहण न कर ले। इस जल को भगवान शिव का प्रसाद समझा जाता है और इसे पीने से सभी पापों का नाश होता है।

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पौराणिक कथा और विश्वास

पौराणिक कथाओं के अनुसार, चंद्रकूप को भगवान शिव ने एक दिव्य शक्ति प्रदान की थी, जिससे यह लोगों की जीवन अवधि का संकेत देने में सक्षम हुआ। इस कुएं के प्रति स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है। यह भी माना जाता है कि इस कुएं का जल पीने से व्यक्ति के शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है।

विज्ञान बनाम विश्वास

हालांकि, आधुनिक विज्ञान इस तरह की घटनाओं को अंधविश्वास मानता है। कुएं में प्रतिबिंब न दिखाई देना प्रकाश के परावर्तन या अन्य भौतिक कारणों से भी हो सकता है। लेकिन वाराणसी जैसे स्थानों में, जहां धर्म और आस्था का गहरा प्रभाव है, इस तरह की मान्यताएं लोगों के विश्वास और परंपराओं का हिस्सा बन चुकी हैं।

चंद्रकूप वाराणसी की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का एक अनूठा उदाहरण है। यह स्थान न केवल शिवभक्तों के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि अपने रहस्यमयी स्वभाव के कारण लोगों के आकर्षण का भी केंद्र बना हुआ है। चाहे इसे आस्था मानें या अंधविश्वास, चंद्रकूप का यह रहस्य निश्चित रूप से हमारे इतिहास और पौराणिक कथाओं की गहराई को समझने के लिए प्रेरित करता है।

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