India news(इंडिया न्यूज़),Chandrama in Kundali: ज्योतिष विज्ञान में चंद्रमा ग्रह को मन मानसिक स्थिति मनोबल, धन-संपत्ति आदि प्रदान करने वाला ग्रह माना जाता है। चंद्रमा राशियों में कर्क का स्वामी होते है। शास्त्रों में चंद्रमा को शुभ ग्रह माना जाता है। आपके जन्म कुंडली में चंन्द्रमा वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। आइए जानते हैं वैवाहिक जीवन पर चंद्रमा के प्रभाव।शास्त्रों में सभी ग्रह का अपना-अपना स्थान है। इसी प्रकार चंद्रमा का भी महत्वपूर्ण स्थान है। चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। जिस व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है उसके जीवन में स्वस्थ सकारात्मक भावनाओं के साथ सुख, समृद्धि, संतान सुख आदि की प्राप्ति होती है। शास्त्रो के अनुसार बताया जाता है कि चंद्रमा का प्रभाव के कारण वैवाहिक जीवन में असर पड़ता है।

विवाह में हो सकती है देरी

आपकी कुंडली में शनि पर चन्द्रमा की दृष्टि पड़ रही हो या शनि के साथ चन्द्रमा बैठा हो तब व्यक्ति के विवाह में देर से होती है। माना जाता है की व्यक्ति अधिक शक करने लगता है। जिसके कारण वैवाहिक जीवन में परेशानियां आने लगती हैं।

हो जाता है  क्रोधी  स्वभाव

जब व्यक्ति की कुंडली में वृषभ या तुला में अगर चन्द्रमा हो 12 वें घर में बैठा हो, , तब व्यक्ति का स्वभाव क्रोधी हो जाता है। यह भी माना जाता है कि इस स्थिति में काम पर प्रभाव पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली के छठे भाव में राहु के साथ चन्द्रमा बैठा हो तो उसका संबंध किसी धनवान व्यक्ति से होता है।

पति-पत्नी में तालमल नहीं

मेष या वृश्चिक राशि में चन्द्रमा सातवें भाव में बैठा होने पर व्यक्ति अपने जीवनसाथी के साथ ठीक से तालमेल नहीं बैठा पाता। जिसके चलते वैवाहिक जीवन में तनाव बना रहता है। इसके साथ पति-पत्नी में हमेशा तनाव की स्थिती बनी रहती है।

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