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Gayatri Mantra: सुबह-सुबह गायत्री मंत्र के जाप से मिलते हैं कई बड़े लाभ, जानें नियम और विधि

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : February 21, 2024, 9:11 am IST

India News (इंडिया न्यूज), Gayatri Mantra: हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र का विशेष महत्व होता है। अगर आप रोज सुबह उठकर गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। माना जाता है कि रोज ऐसा करने से भक्तों को असीम शांति प्राप्त होता है। इसके साथ ही अगर गायत्री मंत्र का जाप सही ढंग से और सही समय पर किया जाए तो हर असंभव कार्य भी आसानी से पूरा हो सकता है। तो चलिए जानते हैं गायत्री मंत्र का जाप करने की सही विधि और इसके उपाय।

गायत्री मंत्र के  जाप से मिलती है सफलता 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गायत्री मंत्र का जाप आपको आपके सफलता पाने में बहुत मदद करता है। यदि आप विद्यार्थी हैं और इस मंत्र का जाप 108 बार करते हैं तो उन्हें सभी प्रकार का ज्ञान प्राप्त करने में आसानी होगी और उन्हें हर प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। साथ ही जिन विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में नहीं लगता था उनका मन पढ़ाई में लगेगा। माना जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन और विधि-विधान से गायत्री मंत्र का जाप करते हैं उसके लिए यह लाभकारी साबित होता है। गायत्री मंत्र का जाप करने के कुछ नियम हैं, जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी माना जाता है।

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गायत्री मंत्र के जप का क्या है नियम

कहा जाता है कि गायत्री मंत्र का प्रभाव ऐसा है कि इसके जाप से सभी परेशानियां हमेशा के लिए दूर हो जाती हैं। अत: हर क्षेत्र में सफलता के लिए गायत्री मंत्र का प्रयोग सिद्ध माना जाता है। इन मंत्रों की ध्वनि से असीम शांति की अनुभूति होती है। यह मंत्र जीवन को हर तरफ से सुखी बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही यह आपकी हर इच्छा को पूरा करने में भी काफी मदद करता है।

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

गायत्री मंत्र का जाप तीन बार करने से अधिक प्रभावशाली माना जाता है।

पहली बार

सूर्योदय से कुछ देर पहले गायत्री मंत्र का जाप शुरू करें। मंत्र जाप सूर्योदय के थोड़ी देर बाद तक किया जा सकता है।

दूसरी बार

वहीं, दोपहर के समय भी गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है।

तीसरी बार

सूर्यास्त से पहले गायत्री मंत्र का जाप शुरू करें। सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक मंत्र का जाप करें।

ऐसे करें गायत्री मंत्र का जाप

  • गायत्री मंत्र का जाप हमेशा रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए।
  • गायत्री मंत्र का जाप किसी भी समय मौन रहकर किया जा सकता है।
  • कभी भी ऊंची आवाज में गायत्री मंत्र का जाप न करें।
  • शुक्रवार के दिन पीले वस्त्र धारण करें और हाथी पर बैठकर मां गायत्री का ध्यान करें।
  • आगे-पीछे श्रीं सम्पुट लगाकर गायत्री मंत्र का जाप करें।

शत्रुओं से मुक्ति के लिए करें गायत्री मंत्र का जाप

  • मंगलवार, अमावस्या या रविवार को लाल वस्त्र पहनें।
  • मां दुर्गा का ध्यान करें।
  • गायत्री मंत्र के आगे और पीछे तीन बार क्लीं बीज मंत्र लगाएं और 108 बार जाप करें। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी।
  • इससे परिवार में एकता बढ़ेगी, मित्रों से प्रेम बढ़ेगा।

गायत्री मंत्र जप के नियम

  • गायत्री मंत्र का जाप किसी गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।
  • गायत्री मंत्र के लिए स्नान के साथ-साथ मन और आचरण भी शुद्ध होना चाहिए।
  • साफ और सूती कपड़े पहनें।
  • आसन या चटाई पर बैठकर जप करें।
  • तुलसी या चंदन की माला का प्रयोग करें।
  • गायत्री मंत्र का जाप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में यानी पूर्व की ओर मुख करके करें और शाम को पश्चिम की ओर मुख करके करें।
  • इस मंत्र का मानसिक जाप किसी भी समय किया जा सकता है।
  • गायत्री मंत्र का जप करने वाले व्यक्ति का खान-पान शुद्ध और पवित्र होना चाहिए। लेकिन जिन लोगों का खान-पान सात्विक नहीं है वे भी गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं।

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