होम / देविशिला शालिग्राम पर नहीं चलेगी छेनी-हथौड़ी, इस यंत्र से बनेगी रामलला सरकार की प्रतिमा

देविशिला शालिग्राम पर नहीं चलेगी छेनी-हथौड़ी, इस यंत्र से बनेगी रामलला सरकार की प्रतिमा

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : February 4, 2023, 10:46 pm IST

(दिल्ली) : अयोध्या में प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है। मंदिर निर्माण के साथ अब भगवान के स्वरूप को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। बता दें, नेपाल के काली गंडक नदी से दो विशालकाय शालिग्राम देवशिला अयोध्या लाये गये हैं। जानकारी के मुताबिक,इसी देवशिला से भगवान राम समेत चारों भाइयों की प्रतिमा उकेरी जाएगी। नेपाल से अयोध्या लाए फिलहाल दोनों विशालकाय शालिग्राम देवशिला अयोध्या के रामसेवक पुरम में रखे गए हैं।

बता दें, नेपाल से लाइ गई शिलाओं में एक शिला 26 टन और दूसरी शिला 14 टन की है। प्रभु श्री राम के मूर्ति निर्माण के लिए अयोध्या लाई गई शिला की विशेषता भी अनमोल बताई जा रही है। ऐसी विशेषताएं हैं जिन पर लोहे के औजार का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा ऐसे में विशालकाय शिला पर हीरा काटने वाले औजार का प्रयोग होगा। ये हम नहीं कह रहे बल्कि ये जानकारी नेपाल के भू-गर्भीय वैज्ञानिक ने दी है । इन शिलाओं पर कई दिनों तक रिसर्च करने वाले नेपाल के भूगर्भीय वैज्ञानिक डॉ. कुलराज चालीसे यह दावा कर रहे हैं। माता जानकी की नगरी से भगवान राम के स्वरूप निर्माण के लिए लायी गयी देवशिला में 7 हार्नेस की है। इसलिए लोहे की छेनी से इस पर नक्कासी नहीं की जा सकती है।

शालिग्राम पर नहीं चलेगी छेनी-हथौड़ी

नेपाल के शोधकर्ता डॉ कुलराज चालीसे वैज्ञानिक ने कहा कि नेपाल से अयोध्या लाई गयी शिलाएं 600 करोड़ वर्ष बताई जा रही है। ऐसे में इस पत्थर को तराशने के लिए लोहे के औजार का प्रयोग नहीं किया जा सकता। पत्थर को नक्काशी करने के लिए हीरे के औजार की आवश्यकता पड़ेगी। नेपाल के भू गर्भीय वैज्ञानिक ने दावा किया कि लोहे में पांच हार्नेस होता है जबकि ये शिलाएं सात हार्नेस की हैं।

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.