India News (इंडिया न्यूज़), Aniruddhacharya: वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य एक बार फिर विवादों में घिर आए हैं। इस बार उनकी टिप्पणी भगवान शिव को लेकर विवाद का कारण बन गई है। संत समाज की नाराजगी को देखते हुए अनिरुद्धाचार्य ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है। उन्होंने कहा कि उनकी वाणी से भगवान शिव के बारे में कोई ऐसी बात नहीं कही गई, फिर भी अगर किसी संत का दिल दुखा है, तो वह उनके श्रीचरणों में सिर रखकर माफी मांगते हैं।

अनिरुद्धाचार्य की यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने विवादास्पद टिप्पणियां की हैं। इससे पहले भी उनके प्रवचनों ने कई बार लोगों को नाराज किया है और सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ विरोध जताया गया है।

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विवादित टिप्पणियाँ

  1. सीता और द्रौपदी पर विवादित टिप्पणी: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें अनिरुद्धाचार्य ने माता सीता और द्रौपदी पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि सीता और द्रौपदी की सुंदरता को उनके गुण के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे दोष के रूप में वर्णित किया। उन्होंने रामायण और महाभारत की घटनाओं को सुंदरता से जोड़ते हुए यह टिप्पणी की, जिससे सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ तीव्र प्रतिक्रिया हुई।
  2. महर्षि वाल्मीकि पर टिप्पणी: अनिरुद्धाचार्य ने महर्षि वाल्मीकि के संत बनने से पूर्व के जीवन पर भी विवादित टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी के बाद, लुधियाना के एक व्यक्ति ने उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में अनिरुद्धाचार्य ने इस विवाद पर माफी मांगी और वाल्मीकि समाज से खेद प्रकट किया।
  3. लड़कियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी: दिसंबर 2022 में जयपुर में एक प्रवचन के दौरान अनिरुद्धाचार्य ने लड़कियों पर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि लड़कियाँ पढ़ने-लिखने के लिए घर से बाहर जाती हैं, फिर फिल्म देखने चली जाती हैं, और अंत में बिना बताए घर से चली जाती हैं। उन्होंने इसे अत्यंत आपत्तिजनक तरीके से प्रस्तुत किया, जिससे उनके खिलाफ कड़ी प्रतिक्रियाएँ आईं।

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इन विवादित टिप्पणियों ने अनिरुद्धाचार्य की छवि को प्रभावित किया है और उनकी बातें धार्मिक समुदाय में असंतोष का कारण बनी हैं। विवादों के बावजूद, अनिरुद्धाचार्य ने हमेशा अपनी बातों के लिए माफी मांगी है और आश्वस्त किया है कि वे किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं रखते।

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