India News (इंडिया न्यूज), Mystery of Death: मृत्यु जीवन का एक अटल सत्य है, जिसे हर धर्म और संस्कृति ने अपने दृष्टिकोण और रीति-रिवाजों में स्थान दिया है। हिंदू धर्म में, जब किसी व्यक्ति का निधन होता है, तो उसकी अंतिम यात्रा और उसके बाद की क्रियाओं में कई परंपराएं निभाई जाती हैं। इन्हीं परंपराओं में से एक है मृत शरीर के पैर की उंगलियों में धागा बांधने की प्रथा। यह क्रिया प्रतीकात्मक, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति
हिंदू धर्म में यह विश्वास किया जाता है कि मृत्यु के बाद आत्मा शरीर को त्यागकर मोक्ष की ओर अग्रसर होती है। पैर की उंगलियों में धागा बांधना इस यात्रा में आत्मा को शांति प्रदान करने और मोक्ष प्राप्ति में सहायक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह क्रिया आत्मा को धरती से जुड़ी नकारात्मक ऊर्जा से बचाने में मदद करती है और उसे ईश्वर की ओर जाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है।
ऊर्जा का नियंत्रण
कुछ धार्मिक मान्यताओं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार, मृत्यु के बाद शरीर में मौजूद ऊर्जा बाहर निकलने लगती है। यह ऊर्जा विभिन्न चक्रों, विशेषकर मूलाधार चक्र, के माध्यम से नियंत्रित होती है। पैर की उंगलियों में धागा बांधने से इस ऊर्जा को स्थिर किया जा सकता है, जिससे शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बना रहता है। यह क्रिया मृत शरीर को बाहरी ऊर्जा प्रभावों से भी बचाती है।
मूलाधार चक्र की स्थिरता
हिंदू धर्म में मूलाधार चक्र को जीवन ऊर्जा का केंद्र माना गया है। यह चक्र शरीर और आत्मा के बीच एक सेतु का काम करता है। मृत्यु के बाद, जब शरीर निष्क्रिय हो जाता है, तो यह चक्र अस्थिर हो सकता है। पैर की उंगलियों में धागा बांधने से मूलाधार चक्र की स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलती है, जिससे आत्मा को उचित दिशा में प्रस्थान करने का मार्ग मिलता है।
शरीर को सीधा रखना
मृत्यु के बाद शरीर में अकड़न (rigor mortis) आ जाती है, जिससे शरीर की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। इसके कारण पैर की उंगलियां और अन्य अंग टेढ़े हो सकते हैं। पैर की उंगलियों को बांधने से शरीर को सीधा रखने में मदद मिलती है, जिससे अंतिम संस्कार के दौरान उचित क्रियाओं को संपन्न किया जा सके। यह क्रिया शरीर की मर्यादा बनाए रखने और सम्मानजनक अंतिम संस्कार सुनिश्चित करने के लिए भी की जाती है।
मृत्यु के बाद हिंदू धर्म में निभाई जाने वाली परंपराएं गहरे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक अर्थों से जुड़ी होती हैं। पैर की उंगलियों में धागा बांधने की प्रथा न केवल आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति में सहायक है, बल्कि यह शरीर की मर्यादा और स्थिरता बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह परंपरा हमें जीवन और मृत्यु के बीच के संतुलन को समझने और सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को संपन्न करने का संदेश देती है।