India News (इंडिया न्यूज़), Bheem-Hidimba Love Story: युद्ध के अलावा महाभारत में कई प्रेम कहानियां भी हैं। इन प्रेम कहानियों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। महाभारत में कई ऐसी प्रेम कहानियां हैं जिनमें उन्होंने अपने प्यार के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। आज इस लेख में हम आपको हिडिम्बा और भीम की प्रेम कहानी के बारे में बताएंगे। हिडिम्बा भीम को अपना दिल दे बैठी थी। भीम की रक्षा के लिए हिडिम्बा ने अपने भाई के खिलाफ बगावत कर दी थी।
हिडिम्बा और भीम की प्रेम कहानी
यह घटना तब की है जब पांडव लाक्षागृह से बचकर अपनी मां के साथ जंगल में रात बिता रहे थे। पांडव और मां कुंती सो रहे थे। भीम अपने भाइयों और मां की रक्षा के लिए जंगल की रखवाली कर रहे थे। जब हिडिम्ब नामक राक्षस को जंगल में मानव गंध महसूस हुई तो उसने अपनी बहन हिडिम्बा को जंगल में भेजा। हिडिम्बा उस स्थान पर पहुंची जहां पांडव आराम कर रहे थे। हिडिम्बा पांडवों पर हमला करने ही वाली थी कि अचानक हिडिम्बा की नजर भीम पर पड़ी। हिडिम्बा पहली नजर में ही भीम पर मोहित हो गई।
भाई का विद्रोह
दूसरी ओर हिडिम्ब ने देखा कि हिडिम्बा अभी तक नहीं आई है, तो हिडिम्ब स्वयं जंगल में पहुंच गया। हिडिम्ब देखता है कि उसकी बहन एक सुंदर अप्सरा का रूप धारण करके भीम से बात कर रही है। यह सब देखकर हिडिम्ब को बहुत गुस्सा आता है। वह हिडिम्बा के पास जाता है और कहता है कि बहन तुमने आने में बहुत देर कर दी। क्या हुआ, अचानक हिडिम्बा अपने भाई को देखकर डर जाती है और वह अपने असली रूप में आ जाती है।
जब भी वह सुंदर अप्सरा को राक्षसी में बदलते देखता है, तो वह समझ जाता है कि वह एक मायावी राक्षसी है। भीम और हिडिम्ब के बीच युद्ध शुरू हो जाता है। इस लड़ाई में हिडिम्बा भीम का साथ देती है। हिडिम्ब की मृत्यु के बाद हिडिम्बा भीम को सच्चाई बताती है और विवाह का प्रस्ताव रखती है। भीम कहता है कि देवी मैं अपने भाई और मां की रक्षा के लिए यहां हूं। मेरा विवाह करने का कोई इरादा नहीं है।
कैसे हुआ विवाह
हिडिम्बा भीम के भाइयों और मां को जगाना नहीं चाहती थी, इसलिए वह पूरी रात पेड़ पर बैठकर इंतजार करती रही। अगली सुबह जब पांडव और माता वन से जा रहे थे तो हिडिम्बा पेड़ से नीचे उतरी और कुंती से विवाह करने का अनुरोध किया। भीम ने हिडिम्बा के सामने आते ही उसे रात वाली सारी बात बता दी। कुंती ने धर्मराज युधिष्ठिर से पूछा कि क्या धर्म एक राक्षस और मनुष्य के विवाह की अनुमति देता है। युधिष्ठिर ने कहा कि धर्म माता की आज्ञा का पालन करने को कहता है। इसके बाद कुंती ने भीम और हिडिम्बा का विवाह करवा दिया। कुंती ने कहा कि भीम जीवन भर तुम्हारे साथ नहीं रह सकती। विवाह के बाद भीम और हिडिम्बा एक वर्ष तक साथ रहे। दोनों को एक पुत्र हुआ जिसका नाम घटोत्कच रखा गया।
देवी बन गई
मान्यताओं के अनुसार भीम से विवाह करने के बाद हिडिम्बा के राक्षसी रूप का प्रभाव समाप्त हो गया। हिडिम्बा देवी बन गई। आज हिमाचल प्रदेश के मनाली में हिडिम्बा को देवी के रूप में पूजा जाता है। मनाली में हिडिम्बा देवी का एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
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