India News (इंडिया न्यूज़), Dhwajdhari Dham: कोडरमा जिला मुख्यालय के पास झारखंड-बिहार राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित ध्वजाधारी धाम, सनातन धर्म के श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहां एक हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए लोग 777 सीढ़ियां चढ़ते हैं। पहाड़ की चोटी पर भगवान शिव-पार्वती, भगवान गणेश और वीर हनुमान जी की प्रतिमाएँ स्थापित हैं।

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ध्वजाधारी नाम पड़ने के पीछे का रहस्य

ध्वजाधारी धाम के महंत महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 सुखदेव दास जी महाराज ने बताया कि त्रेता युग में सृष्टि रचने वाले भगवान ब्रह्मा के पुत्र कर्दम ऋषि ने पहाड़ के ऊपर स्थित गुफा में कठोर तपस्या की थी। उन्हें ध्वज और त्रिशूल के रूप में भगवान भोलेनाथ ने दर्शन दिए थे, और इसके बाद पहाड़ का नाम ध्वजाधारी पड़ा। यहां लोग अपनी मन्नतों को पूरा करने के लिए त्रिशूल चढ़ाते हैं।

अन्नपूर्णा देवी ने भी चढ़ाया था त्रिशूल

कोडरमा लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार अन्नपूर्णा देवी ने भी मतदान के दौरान ध्वजाधारी धाम में मन्नत मांगी थी और उन्होंने अपनी जीत दर्ज की थी। उन्होंने भारत सरकार में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में बड़ा पद हासिल किया था।

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कर्दम ऋषि के नाम पर इस जिले का नामकरण कोडरमा हुआ है। सावन के मौसम में झारखंड के अलावा पड़ोसी राज्य बिहार समेत अन्य जगह से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। शादी विवाह सीजन में भी यहां लोग अपने विवाह के लिए आते हैं और विवाह संस्कार को पवित्र बनाते हैं।

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