India News (इंडिया न्यूज़), Everything About Chaturmas 2024: सनातन धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व है। यह पवित्र अवधि हर साल आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से शुरू होती है और कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को समाप्त होती है। इस वर्ष, देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2024) से भगवान विष्णु चार माह के लिए योगनिद्रा में चले जाएंगे, जिसे चातुर्मास (Chaturmas 2024) कहा जाता है।
चातुर्मास के दौरान चार महत्वपूर्ण महीने होते हैं: सावन (Sawan 2024), भाद्रपद, अश्विन, और कार्तिक। यह समय अवधि शुभ-मांगलिक कार्यों के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती है।
चातुर्मास का समय विशेष रूप से तपस्या, साधना और भक्ति के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस अवधि में भक्तजन भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होते हैं। इस समय में व्रत, उपवास, और विशेष पूजा-अर्चना का भी बड़ा महत्व है।
क्या आपके लिए हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहा पार्टनर हो सकता हैं एक खतरा, आपको भी हो जाएगा हाई बीपी?
चातुर्मास के दौरान संयम और अनुशासन का पालन करना आवश्यक होता है। इस समय में कई लोग मांसाहार, तामसिक भोजन, और अन्य अनैतिक आचरणों से दूर रहते हैं। यह समय आत्म-शुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त करने का होता है।
चातुर्मास का समय बरसात के मौसम के साथ आता है। यह समय कृषि और पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इस समय में पेड़-पौधे और जीव-जंतु पनपते हैं, इसलिए अनावश्यक यात्रा और पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाली गतिविधियों से बचने की सलाह दी जाती है।
क्या हैं ये चांदीपुरा वायरस? गुजरात में ले चुका हैं 5 बच्चों की जान
देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस दिन से चातुर्मास की शुरुआत होती है और भक्तजन विशेष व्रत और पूजा करते हैं।
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु अपनी योगनिद्रा से जागते हैं और इसे चातुर्मास की समाप्ति के रूप में माना जाता है। इस दिन विवाह और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
कभी जॉब किया करती थीं ‘Nita Ambani’, मिलती थी इतनी सैलरी?
मांसाहार और तामसिक भोजन से बचें।
प्याज, लहसुन, और भारी मसालों का सेवन कम करें।
सत्य और अहिंसा का पालन करें।
किसी भी प्रकार के नशे और बुरी आदतों से दूर रहें।
नियमित रूप से भगवान विष्णु की पूजा करें।
गीता पाठ, विष्णु सहस्रनाम, और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करें।
कैसे अंतरिक्ष में महिला एस्ट्रोनॉट्स करती हैं अपने पीरियड्स मैनेज?
चातुर्मास का समय एक आत्म-निरीक्षण और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर है। इस पवित्र अवधि में संयम, अनुशासन, और धार्मिक तपस्या का पालन करके हम अपने जीवन को अधिक शुद्ध और पवित्र बना सकते हैं। भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए चातुर्मास का पूर्ण रूप से पालन करें और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
India News (इंडिया न्यूज़), IPS transfer in UP: नए साल से ठीक पहले योगी सरकार…
वाल्मीकिनगर से होगी शुरुआत India News (इंडिया न्यूज),Bihar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास को धरातल…
India News (इंडिया न्यूज),Health And Fitness:स्वस्थ रहने के लिए जितना जरूरी है संतुलित आहार लेना,…
Russia Ukraine War: यूक्रेन ने रूस के शहर कजान की एक इमारत पर बड़ा ड्रोन…
India News (इंडिया न्यूज),Syria: सीरिया में तख्तापलट के बाद पूरी दुनिया इस बात को लेकर…
India News (इंडिया न्यूज़),Lalu Prasad Yadav: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रोहतास जिले के दावत…