मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिषाचार्य
Dhanteras 2021 date and time यह पर्व दीवाली के आगमन की सूचना देता है। पंचांग के अनुसार इस साल धनतेरस का त्योहार 02 नबंवर 2021 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि आरंभ- 02 नबंवर 2021 दिन मंगलवार को सुबह 11 बजकर 31 मिनट से
कार्तिक मास कष्ण पक्ष त्रयोदश तिथि समाप्त- 03 नबंवर 2021 दिन बुधवार को सुबह 09 बजकर 02 मिनट से
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त – शाम को 06 बजकर 16 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक
पूजन की कुल अवधि – 01 घण्टा 54 मिनट रहेगी।
धनतेरस होने से स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरी की पूजा भी करने का विधान है। धनतेरस पर आरोग्य के देवता धन्वंतरी की पूजा-अर्चना की जाए और दैनिक जीवन में संयम-नियम आदि का पालन किया जाए। देवी लक्ष्मी सागर मंथन से उत्पन्न हुई थीं, उसी प्रकार भगवान धन्वंतरी भी अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं।
देवी लक्ष्मी हालाकिं की धन की देवी हैं, परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य और लम्बी आयु भी चाहिए। यही कारण है दीपावली के पहले, यानी धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हैं।
भगवान धन्वंतरी का जन्म त्रयोदशी के दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वंतरी का जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। धन्वंतरी जब प्रकट हुए थे, तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था।
भगवान धन्वंतरी चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। कहीं-कहीं लोक मान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन खरीद्दारी करने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है।
(Dhanteras 2021 date and time)
भगवान कुबेर को सफेद मिठाई का भोग लगाना चाहिए, जबकि धन्वंतरि को पीली मिठाई और पीली चीज प्रिय है। पूजा में फूल, फल, चावल, रोली-चंदन, धूप-दीप का उपयोग करना चाहिए। शाम को परिवार के सभी सदस्य इकट्ठा होकर प्रार्थना करें।
सबसे पहले विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करें। उन्हें स्नान कराने के बाद चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं। भगवान को लाल वस्त्र पहनाकर भगवान गणेश की मूर्ति पर ताजे फूल चढ़ाएं।
कुबेर देव को धन का अधिपति कहा जाता है। माना जाता है कि पूरे विधि- विधान से जो भी कुबेर देव की पूजा करता है उसके घर में कभी धन संपत्ति की कभी कमी नहीं रहती है। कुबेर देव की पूजा सूर्य अस्त के बाद प्रदोष काल में करनी चाहिए।
सूर्य अस्त होने के बाद करीब दो से ढ़ाई घंटों का समय प्रदोष काल माना जाता है। धनतेरस के दिन लक्ष्मी की पूजा इसी समय में करनी चाहिए। अनुष्ठानों को शुरू करने से पहले नए कपड़े के टुकड़े के बीच में मुट्ठी भर अनाज रखा जाता है।
कपड़े को किसी चौकी या पाटे पर बिछाना चाहिए। आधा कलश पानी से भरें, जिसमें गंगाजल मिला लें। इसके साथ ही सुपारी, फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने और अनाज भी इस पर रखें। कुछ लोग कलश में आम के पत्ते भी रखते हैं। इसके साथ ही इस
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
इसके बाद एक प्लेट में लक्ष्मी जी की प्रतिमा का पंचामृत (दूध, दही, घी, मक्खन और शहद का मिश्रण) से स्नान कराएं। इसके बाद देवी चंदन लगाएं, इत्र, सिंदूर, हल्दी, गुलाल आदि अर्पित करें। परिवार के सदस्य अपने हाथ जोड़कर सफलता, समृद्धि, खुशी और कल्याण की कामना करें।
1. लक्ष्मी जी व गणेश जी की चांदी की प्रतिमाओं को इस दिन घर लाना, घर- कार्यालय, व्यापारिक संस्थाओं में धन, सफलता व उन्नति को बढाता है।
2. धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है, जिसके पास संतोष है वह स्वस्थ है, सुखी है और वही सबसे धनवान है।
3. भगवान धन्वन्तरी जो चिकित्सा के देवता भी हैं, उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना की जाती है। लोग इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हैं।
4-शनि-गुरु की इस युति का व्यापार, उद्योग और कार्यक्षेत्र में अच्छा असर देखा जा सकता है. ऐसे में इंश्योरेंस, आॅटो, सीमेंट, आॅयल कंपनी, टेक्सटाइल और इलेक्ट्रानिक्स से जुड़े क्षेत्र में निवेश या खर्च करने से मुनाफा मिल सकता है. वहीं, बृहस्पति की कृपा से एजुकेशन और मेडिकल साइंस जैसे क्षेत्रों में भी लाभ दिखाई दे रहा है
1. ऐसा माना जाता है कि इस दिन नए उपहार, सिक्का, बर्तन व गहनों की खरीदारी करना शुभ रहता है। शुभ मुहूर्त समय में पूजन करने के साथ सात धान्यों की पूजा की जाती है। सात धान्य गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर है।
सात धान्यों के साथ ही पूजन सामग्री में विशेष रुप से स्वर्णपुष्पा के पुष्प से भगवती का पूजन करना लाभकारी रहता है। इस दिन पूजा में भोग लगाने के लिये नैवेद्य के रूप में श्वेत मिष्ठान्न का प्रयोग किया जाता है। साथ ही इस दिन स्थिर लक्ष्मी का पूजन करने का विशेष महत्व है।
2. धन त्रयोदशी के दिन देव धनवंतरी देव का जन्म हुआ था। धनवंतरी देव, देवताओं के चिकित्सकों के देव हैं। यही कारण है कि इस दिन चिकित्सा जगत में बड़ी-बड़ी योजनाएं प्रारम्भ की जाती हैं। धनतेरस के दिन चांदी खरीदना शुभ रहता है।
-प्रात: प्रवेश स्थल व द्वार को धो दें और रंगोली बनाएं, वंदनवार , बिजली की झालर लगाएं।
घर का सारा कूड़ा करकट ,अखबारों की रदद्ी, टूटा फूटा सामान, पुरानी बंद इलेर्क्टनिक चीजें बेच दें। जाले साफ करें। नया रंग रोगन करवाएं। आफिस घर साफ करें। अपने शरीर की सफाई करें। तेल उबटन लगाएं। पार्लर जा सकते हैं।
-पुराने बर्तन बदल के नए लें। चांदी के बर्तन या सोने के जेवर खरीदें।नया वाहन या घर की कोई दीर्घ समय तक प्रयोग की जाने वाली नई चीज लें। खीलें बताशे आज ही खरीदें । धान से बनी सफेद खीलें सुख, समृद्धि व सम्पननता का प्रतीक हैं अत: इसे धनतेरस पर ही घर लाएं।
-इस दिन बाजार से नया बर्तन घर में खाली न लाएं उसमें, मिश्ठान या फल भर के लाएं।
-धनतेरस की रात यदि आपको अपने घर में छिपकली दिख जाए तो समझें पूरा वर्ष शुभ रहेगा। इस दिन संयोगवश इसके दर्शन दुर्लभ होते हैं।
-सायंकाल मुख्य द्वार पर आटे का चौमुखी दीपक बना कर , चावल या गेहूं की ढेरी पर रखें। साथ में जल, रोली ,गुड़ फूल नैवेद्य रखें । इसे आज से 5 दिन हर शाम जलाएं।
(Dhanteras 2021 date and time)
-व्यवसायी अपने बही -खाते, विद्यार्थी पुस्तकों आदि की पूजा करें।
-आरोग्य हेतु आज धन्वंतरि दिवस पर जरुरत मंदों को दवाई दान दें ।
-नई या पुरानी इलैर्क्टनिक आयटम पर नींबू घुमा के वीरान जगह फेंकें या निचोड़ के फलश में डाल दें।
-इस दिन नए कपडे़े:पहनने से पूर्व उन पर हल्दी या केसर के छींटे दें।
-नई कार या वाहन खरीदने पर उसके बोनट पर कुमकुम व घी के मिश्रण से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं ,नारियल पर रोली से ओम् बना के वाहन के आगे फोडें। और प्रशाद बांट दें।
-पुराना फटा पर्स बदल दें, नया पर्स या बैग खरीदें। इसमें क्रिस्टल, श्री यंत्र, गोमती चक्र,कौड़ी, हल्दी की गांठ, पिरामिड, लाल रंग का कपड़ा, लाल लिफाफे में अपनी इच्छा/विश लिख कर रखें। लाल रेशमी धागे में गांठ लगा के पर्स में रख लें। मनोकामना में विवाह की इच्छा या ऐसा ही कोई रुका कार्य या धन प्राप्ति आदि लिख सकते हैं।
(Dhanteras 2021 date and time)
-मेष,सिंह,वृश्चिक व धनु राशि वाले लाल,पीला, नारंगी या भूरे रंग का पर्स या बैग रखें। बृष, तुला, कर्क वाले सफेद, सिल्वर, गोल्डन , आसमानी । मकर व कुंभ राशि के लोग नीले, काले, ग्रे कलर के, मिथुन तथा कन्या राशि के हरे रंग के पर्स या बैग खरीदें ।
-आज के दिन किसी को उधार न दें।
-कांच या प्लास्टर से बनी मूर्तियों की पूजा न करें।
-धनतेरस और दिवाली पर ,दिन में न सोएं, इससे नकारात्मकता बढ़ती है।
-प्रवेश द्वार साफ रखें, जूते चप्पल न रखें।
1.मेष: सोने का सिक्का ,विद्युत या इलेर्क्ट्निक उपकरण मोबाइल, टी.वी आदि खरीदें। लाल फल. का दान करें।
2.बृष: गोल्ड क्वाएन , साबुत हल्दी, शिक्षा संबंधी उपकरण जैसे लैपटाप या कंप्यूटर ले सकते हैं ।
3.मिथुन: फूड प्रोसेसर, मिक्सी ,केसर, कलई किए बर्तन आदि ले।
4.कर्क: चांदी के बर्तन, मोती का हार या अंगूठी,मकान वाहन का क्रय आज अत्यंत शुभ रहेगा। फ्रिज , वाटर प्योरिफायर या वाटर कूलर खरीदें ।
5.सिंह: सोने के आभूशण या गोल्ड क्वाएन खरीदना धन वृद्धि करेगा। शहद, खजूर उपहार दें ।
6.कन्या:, नया मोबाइल, ब्रॉड बैंड कनेक्शन, टीवी तथा संचार संब।
(Dhanteras 2021 date and time)
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