India News(इंडिया न्यूज), Dharma: देश और दुनिया धर्म परिवर्तन के मामले लगातार बढ़ते जा रहें हैं। लोगों को अहद सामान्यदूसरे धर्म के प्रति पल भर में मेंदु झुकाव और अपने धर्म से मोहभंग होना आज बेहद आम हो चुका है। आंकड़े कहते हैं कि ताइवान में 42% लोगों ने वहीं जापान में 32%लोगों ने अपनी धार्मिक मान्यताएं बदली हैं वहीं डिज्नीलैंड हांगकांग और दक्षिण कोरिया इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। साल 2017 में एक सर्वे किया गया था जिसमें कोई भी ऐसा देश नहीं मिला जहां धर्म परिवर्तन की दर 40% से अधिक हो।
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नास्तिक होते जा रहे हैं लोग
अमेरिका ने पिछले साल एक रिसर्च किया था। इस रिसर्च में जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार पता चलता है कि अमेरिका में 28% लोग ऐसे हैं जो अब किसी धर्म को मानतें ही नहीं। वो जिस धर्म में पैदा हुए उस धर्म को भी छोड़ चुकें हैं। क्योंकि उनका इश्वरीय शक्ति में कोई भरोसा नहीं है। वो किसी भी धर्म में भरोसा नहीं रखतें। ना ही वो किसी धर्म के साथ बंधकर रहना चाहतें हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने पूर्वजों के धर्म को ना अपनाकर स्वतंत्र रूप से अपने धर्म का चयन करना चाहते हैं।वो खुद इस बात का निर्णय लेना चाहते है कि उन्हें किस धर्म को स्वीकार करना है। ये चलन हर बीतते दिन बढ़ता जा रहा है।
दक्षिण कोरिया का है मामला
जून नाम का एक युवक जो दक्षिण कोरिया से संबंध रखता है। उसको जन्म एक ईसाई परिवार में हुआ। जब वो एक बच्चे थें तो धर्म को लेकर के उनकी मान्यताएं बिल्कुल अलग थी लेकिन अब उनकी मान्यताएं पूरी तरह से बदल चुकी हैं। जून का कहना है कि उनकी सोच तब बदली जब उन्होंने अपना घर छोड़ा।घर से दूर होने के बाद वो नए विचारों से परिचित हुए। जून कहते हैं कि मुझे लगता है कि ईसाई धर्म में गलत और सही की लकीर बेहद साफ है लेकिन दुनिया को देखने के बाद मुझे लगने लगा कि गलत और सही का फर्क इतना आसान नहीं है।केवल जून ही नहीं हैं जिन्होंने अपना धर्म छोड़ा है बल्कि उनके कई ऐसे दोस्त भी हैं जो धर्म परिवर्तन कर चुकें हैं या अपनें धर्म को छो़ड़ कर नास्तिक हो चुकें है।