Diwali 2021 Shubh Muhurat :
Diwali 2021 Shubh Muhurat : दिवाली (Diwali) की शुरुआत गोवत्स द्वादशी (Govatsa Dwadashi) से होती है। वहीं ये भी मान्यता है कि दिवाली की शुरुआत यह धनतेरस (धनत्रयोदशी) (Dhanteras, Dhantrayodashi) से शुरू होती है। उत्सव का यह मेला पांच दिनों तक लगातार चलता है। इसे पंचोत्सव कहा जाता है।
दिवाली को दीपावली (Deepavali) भी कहा जाता है और यह हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। धरतेरस से दिवाली की शुरुआत होती है और इसका समापन भाई दूज (Bhai Dooj) पर होता है। इस पोस्ट में हम आपके मन में आने वाले सवालों का जवाब देंगे।
Laxmi Puja Muhurat for Dhanteras 2021 धनतेरस 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त
गोवत्स द्वादशी कब है? When is Govatsa Dwadashi?
गोवत्स द्वादशी द्वादशी तिथि, कार्तिक, कृष्ण पक्ष कार्तिक महीने के बारहवें दिन मनाई जाती है। आश्विन मास में भी यही पर्व मनाया जाता है। केवल महीने के नाम अलग-अलग होते हैं। लेकिन उत्सव की तारीख वही रहती है। इस वर्ष 2021 में गोवत्स द्वादशी 1 नवंबर को मनाई जाएगी।
गोवत्स द्वादशी का क्या महत्व है? Significance of Govatsa Dwadashi
गाय को हिंदू धर्म में माता का दर्जा दिया गया है। इसलिए गायों की पूजा-अर्चना की जाती है।
महाराष्ट्र में, इस त्योहार को वासु बरस के रूप में मनाया जाता है, जबकि गुजरात में इसे वाघ बरस के रूप में जाना जाता है। इस दिन, गुजरात में, लोग तीन दिन बाद मनाए जाने वाले नए साल से पहले खातों और वित्तीय बकाया राशि का निपटान करते हैं।
Diwali Dhanteras 2021 Date Shubh Muhurat Lakshmi Pujan Timings
गोवत्स द्वादशी 2021 पूजा शुभ मुहूर्त Govatsa Dwadashi 2021 Puja shubh muhurat
प्रदोष काल शुभ मुहूर्त शाम 5:36 बजे से रात 8:11 बजे के बीच रहेगा।
2021 में धनतेरस कब है? When is Dhanteras in 2021?
धनतेरस कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि (तेरहवीं तिथि), कृष्ण पक्ष पर मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान कुबेर, भगवान धन्वंतरि, यमराज और देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस साल धनतेरस 2 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा।
धनतेरस का क्या महत्व है? Significance of Dhanteras
धनत्रयोदशी का संबंध कई देवताओं से है। उदाहरण के लिए, ऐसा कहा जाता है कि इस दिन, सतयुग में, भगवान धन्वंतरि (दवाओं के देवता) और देवी लक्ष्मी (धन की देवी) समुद्र मंथन के दौरान क्षीरसागर (ब्रह्मांडीय महासागर) से निकले थे। यह गतिविधि असुरों (राक्षसों) और देवों (देवताओं) के बीच अमृत (अमरता का दिव्य अमृत) प्राप्त करने के लिए हुई थी।
भगवान विष्णु के अवतार भगवान धन्वंतरि क्षीरसागर से दिव्य अमृत युक्त कलश धारण करते हुए प्रकट हुए। इसलिए भक्त अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए उनकी पूजा करते हैं।
विष्णु की पत्नी और धन की देवी देवी लक्ष्मी भी समुद्र मंथन से प्रकट हुईं। इसलिए भक्त धनतेरस पर भी उनकी पूजा करते हैं। वे एक समृद्ध और समृद्ध जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं।
कुबेर और यमराज की होती है पूजा
धनतेरस के दिन कोषाध्यक्ष या धन के देवता भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है। भक्त आर्थिक परेशानियों से रहित जीवन के लिए उनका आशीर्वाद लेने के लिए कुबेर की पूजा करते हैं।
इस दिन मृत्यु के देवता भगवान यमराज को मिट्टी का दीपक जलाकर और जीवन के लिए किसी भी खतरे को दूर करने के लिए अपने घर के मुख्य द्वार के बाहर रखकर उनकी पूजा करते हैं।
धनतेरस 2021 शुभ मुहूर्त Dhanteras 2021 Shubh Muhurat
धनतेरस पर शुभ मुहूर्त शाम 6:17 बजे से रात 8:11 बजे तक रहेगा।
नरक चतुर्दशी 2021 तिथि Naraka Chaturdashi 2021 date
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चौदहवीं तिथि नरक चतुर्दशी है। इस साल नरक चतुर्दशी 4 नवंबर 2021 को मनाई जाएगी।
नरक चतुर्दशी का क्या है महत्व? Naraka Chaturdashi significance
नरकासुर भूदेवी और भगवान वराह (श्री विष्णु का एक अवतार) का पुत्र था। वह इतना विनाशकारी हो गया कि उसका अस्तित्व ब्रह्मांड के लिए हानिकारक साबित हुआ। वह जानता था कि भगवान ब्रह्मा के वरदान के अनुसार उसकी मां भूदेवी के अलावा और कोई उसे मार नहीं सकता। एक बार उसने भगवान कृष्ण पर हमला किया। इसके बाद सत्यभामा के भूदेवी अवतार नरकासुर का वध कर दिया।
नरक चतुर्दशी 2021 शुभ मुहूर्त Naraka Chaturdashi 2021 shubh muhurat
अभयंग स्नान शुभ मुहूर्त-5:40 AM to 6:03 AM बजे
लक्ष्मी पूजन 2021 तिथि Lakshmi Pujan 2021 date
अमावस्या के दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है। इसलिए इस साल दीपावली पर लक्ष्मी पूजन 4 नवंबर 2021 को होगा।
लक्ष्मी पूजन 2021 शुभ मुहूर्त Lakshmi Pujan 2021 shubh muhurat
लक्ष्मी पूजन करने का शुभ मुहूर्त शाम 6:09 बजे से रात 8:04 बजे के बीच है।
लक्ष्मी पूजन का क्या है महत्व? Lakshmi pujan significance
लोग इस दिन देवी लक्ष्मी से धन, वैभव की कामना करते हैं। लोगों में यह धारणा है कि इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने से उन्हें मां लक्ष्मी धन का आशीर्वाद देंगी।
गोवर्धन पूजा 2021 तिथि Govardhan Puja 2021 date
भगवान कृष्ण के भक्त कार्तिक के हिंदू महीने में प्रतिपदा तिथि, शुक्ल पक्ष पर गोवर्धन पूजा या अन्नकूट करते हैं। इस बार गोवर्धन पूजा 5 नवंबर 2021 को की जाएगी।
गोवर्धन पूजा का क्या महत्व है? Govardhan puja significance
भक्त श्री कृष्ण से प्रार्थना करते हैं और गोवर्धन पर्वत को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने ब्रजभूमि के लोगों को बचाने के लिए अपनी छोटी उंगली से उठा लिया, जब इंद्र देव ने बदला लेने के लिए भारी वर्षा की और बाढ़ आ गई थी। इसलिए इस दिन लोग भगवान और गोवर्धन पर्वत को तरह-तरह के पकवान चढ़ाते हैं। कुछ स्थानों पर, छप्पन भोग, 56 व्यंजनों से युक्त एक थाली, बनाया जाता है और कृतज्ञता के निशान के रूप में देवता को चढ़ाया जाता है। भोजन को लघु पर्वत के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, और इसलिए इसे अन्नकूट भी कहा जाता है। ब्रज क्षेत्र में भक्त गोवर्धन पर्वत के अवशेषों की परिक्रमा करते हैं।
गोवर्धन पूजा 2021 शुभ मुहूर्त Govardhan Puja 2021 shubh muhurat
गोवर्धन पूजा प्रथम काल मुहूर्त- सुबह 6:36 से 8:47 बजे तक
गोवर्धन पूजा साय काल मुहूर्त – दोपहर 3:22 बजे से शाम 5:33 बजे तक
भाई दूज 2021 की तारीख Bhai Dooj 2021 date
भाई दूज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल भाई दूज 6 नवंबर, 2021 को मनाई जाएगी।
भाई दूज का क्या महत्व है? Bhai Dooj significance
भाई दूज भाई और बहन के प्रेम का त्योहार है। रक्षा बंधन की तरह बहनें अपने भाई का तिलक कर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं।
भाई दूज 2021 शुभ मुहूर्त Bhai Dooj 2021 shubh muhurat
भाई दूज 2021 का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 बजे से दोपहर 3:21 बजे के बीच है।
Read Also: Dhanteras 2021 Festival Wishes for Wife
Connect With Us: Twitter Facebook