India News (इंडिया न्यूज), Diwali 2024: दिवाली 31 अक्टूबर 2024 को मनाई जाने वाली है। हालांकि, कुछ जानकारों का मानना ​​है कि 1 नवंबर को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि भी है, इसलिए उस दिन भी दिवाली मनाई जा सकती है। खैर, आप दिवाली चाहे 31 अक्टूबर को मनाएं या 1 नवंबर को, आपको दीया जलाना ही होगा और दिवाली पर दीया जलाना एक विशेष परंपरा है, जिसके बिना दिवाली नहीं मनाई जाती है। लेकिन इस दिन दीया जलाने के कुछ नियम हैं, जैसे दीया साफ जगह पर जलाना चाहिए, घी का दीया जलाना सबसे अच्छा होता है, दीया नया होना चाहिए आदि।

लेकिन इन सबके साथ ही यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि दीया किस दिशा में जलाना चाहिए, ताकि आपके घर में सौभाग्य आए। दीया जलाने का सही तरीका और दिशा हमारे जीवन में न सिर्फ सकारात्मक ऊर्जा लाती है, बल्कि उसे संतुलित और समृद्ध भी बनाती है।

दिशाओं के अनुसार दीपक जलाने के लाभ

पूर्व दिशा

हिंदू धर्म में पूर्व दिशा को सूर्य देव की दिशा माना जाता है। पूर्व दिशा में दीपक जलाने से मानसिक शांति और ज्ञान की प्राप्ति होती है। शिक्षा और आध्यात्मिक विकास, स्वास्थ्य लाभ और बुद्धि में वृद्धि के लिए यह दिशा महत्वपूर्ण मानी जाती है।

पश्चिम दिशा

पश्चिम दिशा में दीपक जलाने से जीवन में स्थिरता और संतुलन मिलता है और यह दिशा हमारे कर्मों और कार्यों में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा पश्चिम दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है। अगर आप इस दिशा में दीपक जलाते हैं तो आपको पितरों का आशीर्वाद मिलता है और घर में शांति बनी रहती है।

उत्तर दिशा

उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर देव की दिशा माना जाता है। इस दिशा में दीपक जलाने से घर में धन और समृद्धि आती है। आर्थिक स्थिरता और व्यावसायिक सफलता के लिए यह दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है।

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दक्षिण दिशा

दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है। इस दिशा में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति आती है। यह दिशा हमारे स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए महत्वपूर्ण है।

दिवाली पर दिशाओं के अनुसार दीये जलाने के फायदे, जानें किस दिशा में दीया रखने से बदल जाएगी आपकी किस्मत

वास्तु शास्त्र के कोण के अनुसार दीये जलाने के फायदे
उत्तर-पूर्व कोने को भगवान शिव की दिशा माना जाता है। इस कोने में दीया जलाने से मन शांत होता है, आध्यात्मिक उन्नति होती है और समृद्धि बढ़ती है।

दक्षिण-पश्चिम कोने को यमराज की दिशा का हिस्सा माना जाता है, जिसके कारण इस कोने में दीया जलाने से मृत्यु का भय समाप्त होता है और वास्तु दोष दूर होते हैं।

उत्तर-पश्चिम कोने को वायु देव की दिशा माना जाता है। इस कोने में दीया जलाने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।

दक्षिण-पूर्व कोने को अग्नि देव की दिशा माना जाता है। इस कोने में दीया जलाने से घर के सदस्यों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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