India News Delhi (इंडिया न्यूज़), krishna Janmashtmi 2024: जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना के साथ व्रत रखा जाता है। यह व्रत अन्य व्रतों की तुलना में अधिक कठिन माना जाता है और इसे रात के 12 बजे के बाद ही खोला जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि जन्माष्टमी के व्रत के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए।
1. अन्न का सेवन
जन्माष्टमी के व्रत में अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन विशेष रूप से फल-फूल और अन्य फलाहारी पदार्थों का सेवन किया जाता है। अनाज, रोटी, चावल जैसी सामान्य खाद्य वस्तुएं व्रत के दौरान वर्जित होती हैं। अन्न का सेवन करने से व्रत का महत्व कम हो सकता है और व्रति को पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं हो सकता।
2. चाय और कॉफी
व्रत के दौरान चाय और कॉफी का सेवन करने से बचना चाहिए। इन पेय पदार्थों में कैफीन होता है, जो शरीर को उत्तेजित करता है और एसिडिटी का कारण बन सकता है। एसिडिटी और बेचैनी व्रति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए इनसे दूर रहना उचित होता है।
3. शराब, तंबाकू और सिगरेट
जन्माष्टमी पर शराब, तंबाकू और सिगरेट से भी बचना चाहिए। इन पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और धार्मिक दृष्टिकोण से भी ये व्रत के उद्देश्य के खिलाफ होते हैं। शराब, तंबाकू और सिगरेट से परहेज करके आप अपने व्रत को पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ रख सकते हैं।
सिर्फ पीछे मुड़कर देखने की भूल कालिया नाग को क्यों पड़ी थी इतनी भारी, कैसे बन बैठा था पत्थर का?
4. भारी और तली हुई चीजें
जन्माष्टमी के व्रत में भारी और तली हुई चीजों का सेवन भी उचित नहीं होता। ये खाद्य पदार्थ पाचन प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं और व्रति को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। इसके बजाय, हल्के और स्वास्थ्यवर्धक फलाहारी विकल्पों का चयन करना चाहिए।
5. गर्म और मसालेदार भोजन
गर्म और मसालेदार भोजन से भी बचना चाहिए, क्योंकि ये पेट में जलन पैदा कर सकते हैं और शरीर को असुविधाजनक स्थिति में डाल सकते हैं। व्रत के दौरान हल्के और ताजे खाद्य पदार्थों का सेवन करना सबसे अच्छा होता है।
मृत्यु के बाद भी श्री कृष्णा का ऐसा वो कौन-सा अंग, जो नहीं सका था जल?
जन्माष्टमी का व्रत एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है और इसे सही तरीके से निभाना आवश्यक है। उचित आहार और सही दिशा-निर्देशों का पालन करके, आप इस व्रत के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और आत्मिक शांति और समृद्धि का अनुभव कर सकते हैं।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।