India News (इंडिया न्यूज), Diyas after Diwali: कल यानी 31 अक्टूबर को देशभर में दिवाली का त्योहार मनाया गया। दिवाली रोशनी का त्योहार है। इस त्योहार पर लोग शाम को शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। दिवाली की तैयारियां लोग कई दिन पहले से ही शुरू कर देते हैं। वे अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं, दिवाली की खरीदारी करते हैं। दिवाली के दिन आपने अपने घर को दीयों और लाइटों से खूबसूरत तरीके से सजाया होगा।

दीयों को कूड़े में फेंकना होता है अशुभ

रोशनी के इस त्योहार में चारों तरफ जगमगाती रोशनी देखने लायक होती है। दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। यह हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। दिवाली के बाद लोग अगले ही दिन जलते हुए दीयों को कूड़े के ढेर में फेंक देते हैं, लेकिन ऐसा करना अशुभ होता है। क्या आप भी दिवाली के बाद दीयों को फेंक देते हैं? क्या आप उन्हें कूड़े के ढेर में डाल देते हैं? यहां जानें दिवाली के बाद पुराने दीयों का क्या करना चाहिए।

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दिवाली के बाद दीयों का क्या करें?

दिवाली के दिन सभी लोग अपने घरों को खूबसूरत दीयों से सजाते हैं। लक्ष्मी पूजा में भी दीयों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन दिवाली के बाद लोग इन दीयों को इधर-उधर छोड़ देते हैं या अगले दिन कूड़े में फेंक देते हैं। ऐसा किसी को नहीं करना चाहिए, इसे बहुत अशुभ माना जाता है।

दीयों में देवी लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में इन्हें फेंकने से बचना चाहिए। आप पुराने दीयों को संभालकर रख सकते हैं। जब भी आप मंदिर जाएं तो उस दीये को मंदिर में जलाना चाहिए। आप रोजाना मंदिर जाकर भी दीया जला सकते हैं।

लक्ष्मी जी और भगवान गणेश की पूजा के दौरान 5 दीपक जलाए जाते हैं, इन दीपकों को नदी में विसर्जित कर देना चाहिए। ऐसा करना शुभ होता है। इससे नकारात्मकता से बचने में मदद मिलती है।

जो लोग सक्षम हैं वे हर साल नए दीये खरीदते हैं, लेकिन जो लोग गरीब हैं या सक्षम नहीं हैं वे घर को सजाने के लिए पुराने अखंड दीये जला सकते हैं। हां, लक्ष्मी माता के समतुल्य जलाया जाने वाला दीया हर बार नया होना चाहिए। आप पुराने दीयों से छत, बालकनी, आंगन को रोशन कर सकते हैं, लेकिन पूजा के दौरान हमेशा नया दीया खरीदकर जलाएं।

आप इन दीयों को मिट्टी में भी दबा सकते हैं। आप इन्हें किसी पेड़ के नीचे मिट्टी में भी दबा सकते हैं। आप इन दीयों को नदी में भी प्रवाहित कर सकते हैं। कुछ लोग इन दीयों को वापस कुम्हार को दान भी कर देते हैं।

अगर आपके घर के आसपास कोई नदी या तालाब नहीं है, तो इन दीयों को घर में ऐसी जगह रखें जहां कोई इन्हें न देख सके। इसे शुभ माना जाता है। जरूरतमंदों को दान करने से शुभ फल मिलते हैं। घर-परिवार में खुशियां बनी रहती हैं।

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