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India News (इंडिया न्यूज), Draupadi Wanted To Kill Bheem: महाभारत में कई ऐसी कथाएं हैं जो न केवल रहस्य से भरी हुई हैं, बल्कि उनके पीछे छिपी कहानियां भी अद्वितीय और चौंकाने वाली हैं। ऐसी ही एक कहानी है जब द्रौपदी, अपने पति भीम के प्राण लेना चाहती थीं। इस घटना के पीछे द्रौपदी के क्रोध और उनके मां काली के रूप के बारे में जानकर हर कोई स्तब्ध रह जाता है।
द्रौपदी को मां काली का अवतार माना जाता था, लेकिन इस बात की जानकारी केवल अर्जुन और युधिष्ठिर को थी। एक दिन, जब अर्जुन द्रौपदी के कक्ष में उनके पैर दबा रहे थे, उसी समय भीम वहां पहुंचे। अर्जुन और द्रौपदी को इस स्थिति में देखकर भीम का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उनका क्रोध इतना तीव्र था कि उन्होंने अपने गदे से अर्जुन के सिर पर वार करने का मन बना लिया।
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भीम का यह क्रोध देख, युधिष्ठिर दौड़े आए और किसी तरह भीम को रोक लिया। युधिष्ठिर ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि यह अर्जुन और द्रौपदी के बीच का प्रेम है और इसमें कोई गलत बात नहीं है। युधिष्ठिर की बात सुनकर भीम थोड़े शांत हुए और कक्ष से बाहर चले गए।
बाहर आकर भीम ने देखा कि एक विशाल सभा पेड़ के नीचे लगी हुई है। उस सभा में शिवजी, ब्रह्माजी, इंद्रदेव और अन्य देवता उपस्थित थे, और भगवान श्रीकृष्ण उस सभा को संबोधित कर रहे थे। तभी, भीम ने देखा कि द्रौपदी मां काली के रूप में वहां प्रकट हुईं। उनके एक हाथ में खप्पर और दूसरे हाथ में कटार थी। उनकी आंखों में क्रोध और रक्त की प्यास साफ झलक रही थी।
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द्रौपदी ने वहां उपस्थित सभी को संबोधित करते हुए कहा, “माधव मेरे सखा हैं और वो मेरे खप्पर को भीम के रक्त से और कुरुवंश के रक्त से भरवाएंगे।” यह सुनकर भीम का दिल बैठ गया। वह समझ गए कि द्रौपदी वास्तव में मां काली का रूप धारण कर चुकी हैं और उनके प्राण संकट में हैं।
लेकिन श्रीकृष्ण, जो हमेशा से ही बुद्धिमान और द्रौपदी के सखा थे, उन्होंने द्रौपदी को शांत करने के लिए अपने दिव्य शब्दों का प्रयोग किया। उन्होंने द्रौपदी को समझाया कि यह समय प्रेम और क्रोध का नहीं, बल्कि धैर्य और सहनशीलता का है। श्रीकृष्ण के समझाने पर द्रौपदी का क्रोध शांत हुआ और उन्होंने भीम के प्राणों को बख्श दिया।
इस घटना के बाद भीम को यह एहसास हो गया कि द्रौपदी केवल एक सामान्य स्त्री नहीं, बल्कि मां काली का अवतार हैं। इस कहानी से यह स्पष्ट होता है कि महाभारत के प्रत्येक पात्र के भीतर कितने रहस्य और अद्वितीय शक्तियां छिपी हुई थीं, जिन्हें समझना हर किसी के लिए आसान नहीं था।
श्री कृष्ण और अर्जुन से भी अति सुंदर था महाभारत का ये योद्धा, ऋषि दुर्वासा के वरदान से हुआ था जन्म!
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