पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में जन्म लेने वाले जातक किसी भी दृष्टिकोण से अशुभ नहीं होते हैं। पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले शिशु रचनात्मक प्रवृत्ति के होते हैं। पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले शिशुओं के बारे में बताया जाता है कि वे सृजनात्मक प्रवृति के होते हैं। आपको यह भी जान लेना चाहिये कि ना सिर्फ ज्योतिष नजरिये से बल्कि वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार भी बताया गया है कि अमावस्या को जन्मे लोगों का चन्द्रमा कुछ कमजोर होता है मगर अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति की मदद से वो इसे मजबूत कर सकते हैं। साथ ही साथ अपने आत्मविश्वास को भी बढ़ा सकते हैं।
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Pitru Paksha me Janme Log: हमारा हिन्दू धर्म भी कई विविधताओं से भरा हुआ है। माना जाता है कि पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के दौरान जन्म लेने वाले अशुभ होते हैं। लेकिन यह सिर्फ भ्रम है। ईश्वर ने सभी के जन्म का निर्धारण किया है और सभी शिशु शुभ होते हैं। इसलिए अपने दिमाग से यह बात निकाल दें कि पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे शुभ नहीं होते हैं।
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Pitru Paksha: इस संसार में कोई भी व्यक्ति हो उसके जन्म का समय उसके स्वभाव और करियर को लेकर कई सारे बातों को उजागर करता है। ज्योतिष शास्त्र ऐसा विज्ञान है जो व्यक्ति के जन्म लेने की तिथि, पक्ष, आदि के आधार पर भी उसका स्वभाव बता देता है।
हर व्यक्ति पर ग्रहों का प्रभाव पड़ता है क्योंकि व्यक्ति के जन्म लेने के समय ब्रह्मांड में जो ग्रह विद्यमान होता है, उसका प्रभाव जन्म लेने वाले व्यक्ति पर जरूर पड़ता है। हर दिन का स्वामी अलग है, इसलिए उसका प्रभाव भी अलग होता है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे उन लोगों के बारे में जिनका जन्म पितृ पक्ष के दौरान हुआ है।
आमतौर पर अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में यदि कोई बच्चा जन्म लेता है तो क्या वह अशुभ होता है क्योंकि सामान्यत: पितृ पक्ष के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता क्योंकि शास्त्रों और नक्षत्रों के अनुसार यह समय अच्छा नहीं माना जाता। तो आपकी इस शंका को दूर करते हुए बता दें कि पितृ पक्ष में जन्म लेना किसी भी तरह से अशुभ नहीं होता है,
यहां पर ध्यान देने वाली बात तो ये होती है कि इस दौरान जन्म लेने वाले बच्चे पर बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद बना रहता है जिनका हम श्राद्ध कर रहे होते हैं। आप खुद इस बात को सोच सकते हैं कि हमारे पूर्वज जो अपने जीवनकाल में हमेशा से हमारा भला कहते थे वो भला इस श्राद्ध के दौरान जन्म लेने वाले जातक का बुरा कैसे कर सकते हैं।
Pitru Paksha me Janme Log: असल में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पितृपक्ष अपने पितरों के प्रति सम्मान व श्रद्धा अर्पित करने का एक अवसर होता है। यह तिथि हर वर्ष भाद्रपद की पूर्णिमा से लेकर आश्विन के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक यानी कि पूरे 15 दिनों तक मनाया जाता है और इस अवधि में पितृपक्ष के सभी शास्त्रोक्त कर्म संपन्न किए जाते हैं। इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध का अनुष्ठान करवाने वाले ब्राह्मण को श्राद्ध आदि के बाद भोजन व यथोचित दक्षिणा देकर आशीर्वाद ग्रहण करना चाहिए।
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